मुस्लिम परिवार ने बनवाया मंदिर, बाबू खां के शिव मंदिर पर जल रहे सौहार्द के दीप

अलीगढ़:  मंदिर-मस्जिद को लेकर जहां कई जगह शोर मचा है, वहीं दूसरी ओर एक मुस्लिम परिवार शिव मंदिर की स्थापना कर नियमित पूजा-अर्चना कर रहा है। वर्ष 2013 में स्थापित हुए इस मंदिर में समय-समय पर शिव विवाह और देवी जागरण जैसे आयोजन भी होते रहते हैं। त्याेहारों पर भजन-कीर्तन भी चलता है। यह मंदिर क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना हुआ है।

बरौली रोड स्थित गांव मिर्जापुर निवासी बाबू खां ने 17 जुलाई 2013 को अनूपशहर रोड स्थित सीडीएफ पुलिस चौकी के पास शिव मंदिर का निर्माण कराया था। मुख्य मार्ग पर होने के कारण यह मंदिर क्षेत्र के लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र बन गया। क्षेत्र में रहने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग पूजा-अर्चना करने के लिए आने लगे। 31 मई 2022 को बाबू खां का इंतकाल हो गया। इसके बाद बाबू खां के बेटे मो. शोएब खां ने मंदिर की जिम्मेदारी संभाल ली। मिर्जापुर गांव शिव मंदिर से करीब सवा किलोमीटर दूर है, लेकिन शोएब नियमित रूप से सुबह और शाम को मंदिर में साफ-सफाई तथा पूजा-अर्चना करते हैं।

ईश्वर और अल्लाह एक : शोएब
माे. शोएब खां बताते हैं कि उनके पिता बाबू खां ईश्वर और अल्लाह को एक ही मानते थे। इसलिए उन्होंने शिव मंदिर का निर्माण कराया था। उनके परिवार और रिश्तेदारों की इस मंदिर में आस्था है। इसलिए यहां नियमित पूजा-अर्चना के अलावा त्योहारों पर धार्मिक आयोजन होते हैं। मस्जिद और घर में नमाज भी पढ़ते हैं। दोनों समुदायों में कोई विवाद नहीं है। न ही क्षेत्र में कभी कोई झगड़ा हुआ है।

महाकुंभ में जाने की तैयारी कर रहा परिवार
बाबू खां की पत्नी शमा परवीन कहती हैं कि भगवान शिव में उनके परिवार की आस्था है। इसी के चलते मंदिर का निर्माण कराया गया। फिलहाल प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। लंबे समय बाद यह अवसर मिला है। प्रयास कर रहे हैं कि महाकुंभ में जाएं।

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