एक सप्ताह की देरी से मानसून की विदाई का दौर शुरू, पांच उपमंडल में हुई कम बारिश; जानें सबकुछ
नई दिल्ली: देश में मानसून अब अपने अंतिम दौर में आ पहुंचा है। मानसून की वापसी का अनुमान लगाया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून की पश्चिमी राजस्थान और कच्छ से वापसी शुरू हो गई है। इस बार मानसून एक सप्ताह की देरी से विदाई ले रहा है। वहीं खास बात यह है कि इस बार मानसून सीजन में देश में पांच फीसदी अधिक बारिश हुई है।
मानसून अब विदाई लेने लगा है। यही वजह है कि आजकल कुछ राज्यों में जहां बारिश हो रही है वहीं कुछ राज्यों में बारिश होने का सिलसिला धम सा गया है। हालांकि जिन राज्यों में अभी भी लगातार बारिश का दौर जारी है वहां नदी-नाले उफान पर आने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और जिन राज्यों में बारिश नहीं हो रही है वहां लोग गर्मी और उमस से बेहाल है। ऐसे में मौसम विभाग ने देश के कुछ राज्यों में बारिश होने की संभावना जताई है। चलिए जान लेते हैं कि देश के किन राज्यों में आज मौसम का हाल कैसा रहने वाला है।
एक सप्ताह की देरी से वापसी
आईएमडी के अनुसार, एक जून को केरल के तट पर दस्तक देने वाले मानसून की 17 सितंबर से वापसी शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल राजस्थान और कच्छ के कुछ हिस्सों से 23 सितंबर को वापसी शुरू हुई है। ऐसे में इस बार मानसून एक सप्ताह की देरी से विदाई ले रहा है। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम राजस्थान के कुछ अन्य हिस्सों और पंजाब, हरियाणा और गुजरात के आसपास के क्षेत्रों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
कहां कम और कहां अधिक बारिश हुई?
मौसम विभाग के 36 उपमंडलों में से पांच में कम और नौ में अधिक बारिश हुई है। बता दें, जम्मू कश्मीर में 26 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 20 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 30 प्रतिशत, बिहार में 28 प्रतिशत और पंजाब में 27 प्रतिशत कम बारिश हुई। वहीं, राजस्थान (74 प्रतिशत), गुजरात (68 प्रतिशत), महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में अधिक बारिश हुई।
आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और जुलाई के पहले सप्ताह तक पूरे देश में फैल जाता है। यह सितंबर के मध्य से उत्तर-पश्चिम भारत से विदाई लेना शुरू कर देता है। 15 अक्तूबर तक पूरी तरह से वापस हो जाता है।