मिताली राज ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से किया रिटायरमेंट का ऐलान, वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा

भारत की महान महिला क्रिकेटर मिताली राज ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। मिताली राज ने भारतीय महिला क्रिकेट की लंबे समय तक सेवा की, लेकिन अब उनके लिए क्रिकेट के खेल को अलविदा कहने का समय आ गया है। हालांकि, महिला क्रिकेट की सचिन तेंदुलकर कही जाने वाली मिताली राज का वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा ही रह गया।

दाएं हाथ की बल्लेबाज मिताली राज आखिरी बार न्यूजीलैंड में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप का हिस्सा थीं, लेकिन उनकी कप्तानी में टीम सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो गई थी। ये उनके करियर का आखिरी वर्ल्ड कप कहा जा रहा था और ऐसा ही देखने को मिला, क्योंकि अब उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। कुछ साल पहले उन्होंने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से भी रिटायरमेंट लिया था।

26 जून 1999 को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वालीं मिताली राज ने मार्च 2022 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 12 टेस्ट, 232 वनडे इंटरनेशनल और 89 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। 12 टेस्ट मैचों में वे 1 शथक और 4 अर्धशतकों के साथ 699 रन बनाने में सफल रहीं, जबकि वनडे क्रिकेट में उन्होंने 7 शतक और 64 अर्धशतकों के साथ 7805 रन बनाए। वहीं, टी20 क्रिकेट में 2364 रन उन्होंने 17 अर्धशतकों के दम पर बनाए।

मिताली राज ने रिटायरमेंट का ऐलान करते हुए एक इमोशनल लेटर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया। मिताली राज ने अपने पत्र में लिखा, “मैं इंडिया की नीली जर्सी पहनने की यात्रा पर एक छोटी लड़की के रूप में निकली, क्योंकि आपके देश का प्रतिनिधित्व करना सर्वोच्च सम्मान है। यात्रा ऊंचाइयों और कुछ चढ़ावों से भरी थी। प्रत्येक घटना ने मुझे कुछ अनोखा सिखाया और पिछले 23 वर्ष मेरे जीवन के सबसे अधिक पूर्ण, चुनौतीपूर्ण और आनंददायक रहे हैं। ऐसे में सभी यात्राओं की तरह, इसे भी समाप्त होना चाहिए।”

उन्होंने आगे लिखा, “आज वह दिन है जब मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले रही हूं। जब भी मैंने मैदान पर कदम रखा, मैंने भारत को जीतने में मदद करने के इरादे से अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे जो अवसर मिला है, मैं उसे हमेशा संजो कर रखूंगी। मुझे लगता है कि अब मेरे खेलने के करियर से पर्दा उठाने का सही समय है, क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।”

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