अनिद्रा की समस्या वालों में अक्सर देखी जाती है ‘मेलाटोनिन’ की कमी, जानिए कैसे करें इसमें सुधार
नींद न आना, रात के समय बार-बार नींद टूट जाने की स्थिति को सेहत के लिए कई प्रकार से हानिकारक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी वयस्कों को हर रात कम से कम 6-8 घंटे के निर्बाध नींद की जरूरत होती है। जिन लोगों को नींद लेने में कठिनाई या अनिद्र की समस्या है उन्हें समय पर डॉक्टर से मिलकर इसका उपचार प्राप्त करना चाहिए। अनिद्रा की समस्या को अध्ययनों में शारीरिक-मानसिक दोनों प्रकार की सेहत के लिए खतरनाक बताया गया है।
अध्ययनकर्ता बताते हैं जिन लोगों को अक्सर नींद न आने की समस्या रहती है उनमें मेलाटोनिन नामक हार्मोन की कमी देखी जाती रही है। मेलाटोनिन वह हार्मोन है जो नींद के चक्र को ठीक बनाए रखने के साथ अच्छी और गहरी नींद प्राप्त करने में मदद करता है। कहीं आपमें भी तो इसकी कमी नहीं है, इसमें सुधार कैसे किया जा सकता है आइए इस बारे में समझते हैं।
मेलाटोनिन हार्मोन है जरूरी
मेलाटोनिन ऐसा हार्मोन है जो आपका मस्तिष्क अंधेरे की प्रतिक्रिया में पैदा करता है। यह आपकी सर्केडियन रिदम (सोने-जागने के समय) और अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। रात में सोते समय रोशनी होने के कारण से भी मेलाटोनिन उत्पादन बाधित हो सकता है।
यहां जानना जरूरी है कि मेलाटोनिन सिर्फ नींद के लिए ही जरूरी नहीं है इसकी कमी के कारण चिंता और मनोदशा संबंधी विकार, शरीर का तापमान कम होने और एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
मेलाटोनिन की कमी के क्या संकेत हैं?
आमतौर पर मेलाटोनिन की कमी के कारण नींद विकारों की समस्या होना आम है पर इसके अलावा भी कई लक्षण हैं जिनपर ध्यान देना आपके लिए जरूरी है।
दिन में बहुत नींद आना-रात में नींद लेने में दिक्कत।
सर्कैडियन रिदम की समस्या (सोने-जागने के समय में बदलाव)
तेजी से उम्र बढ़ने के लक्षण दिखाना।
मेटाबॉलिज्म की समस्या होना।
कैसे करें मेलाटोनिन के स्तर में सुधार
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, प्राकृतिक रूप से मेलाटोनिन को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। संतुलित-पोषक तत्वों से भरपूर आहार की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ, कॉपर और विटामिन ए-ई वाली चीजों को आहार का हिस्सा बनाकर मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा तनाव का प्रबंधन करना भी बहुत आवश्यक है। डॉक्टर से मिलकर शरीर में मेलाटोनिन की कमी की पता लगाने में मदद मिल सकती है। जिन लोगों में इसकी गंभीर कमी होती है स्वास्थ्य विशेषज्ञ उन्हें मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं।