कुत्ते नहीं, भेड़ का था जयपुर से बंगलूरू आया मांस, नमूनों की जांच के बाद पुष्टि, तीन एफआईआर दर्ज

बंगलूरू:  बंगलूरू रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात को ट्रेन से जयपुर से ट्रेन से पहुंचा मांस कुत्ते नहीं भेड़ का था। कर्नाटक सरकार की ओर से कराई गई मांस के नमूनों की जांच में इसकी पुष्टि की गई है। वहीं मामले में रेलवे स्टेशन पर हंगामा करने वाले गोरक्षक, उसके साथियों और मांस का परिवहन करने समेत तीन एफआईआर दर्ज की गईं हैं।

बंगलूरू रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को कथित मांस की बड़ी खेप मिलने से बवाल मच गया था। जयपुर से ट्रेन में 90 डिब्बों में लगभग तीन टन वजन वाली मांस की खेप मिली। इसके बाद स्टेशन पर सनसनी मच गई। गोरक्षकों ने स्टेशन पर पहुंचकर इसे कुत्ते का मांस बताते हुए हंगामा किया था। वहीं मांस व्यापारी अब्दुल रज्जाक का कहना था कि यह भेड़ का मांस था।

वहीं पुलिस विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं मानक विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की और मांस के 84 नमूने एकत्र किए। नमूनों को जानवरों की प्रजातियों के संबंध में विश्लेषण के लिए खाद्य प्रयोगशाला में भेजा गया।

बुधवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक्स पर पोस्ट किया कि जानवरों के मांस के परिवहन के आरोपों की जांच कराई गई। मांस के नमूनों को जांच के लिए राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान हैदराबाद भेजा गया था। यहां से नमूनों की जांच के बाद पुष्टि हुई है कि मांस भेड़ का था।

वहीं पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर मांस परिवहन, दूसरी एफआईआर गोरक्षक के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और तीसरी एफआईआर गोरक्षक और उसके साथियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति एकत्र पर होने को लेकर की गई है।

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि मांस सिरोही नामक विशेष नस्ल के बकरे का था। यह आमतौर पर राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पाया जाता है। प्रदेश में मटन की कम आपूर्ति के कारण कुछ व्यापारी इसे दूसरे राज्य से मंगवाते हैं और यहां बेचते हैं।

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