कान्हा के रंग में रंगा मथुरा-वृंदावन, दुल्हन की तरह सजे मंदिर, जानें कब प्रकट होंगे नंदलाल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आज मथुरा और वृंदावन कान्हा के रंग में पूरी तहर रंग गया है. हर तरफ उत्साह, उमंग और श्रीकृष्ण भक्ति का माहौल है. राधा दामोदर मंदिर में 251 किलो पंचामृत से नंदलाल का अभिषेक किया गया.

वहीं वृंदावन के शाह जी मंदिर में 101 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया. बता दें कि गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थित भगवत भवन में कार्यक्रमों की शुरुआत मंगला आरती के साथ की गई. इसके बाद सुबह 10 बजे शोभायात्रा निकाली गई. वहीं वृंदावन के राधा रमण मंदिर में भगवान कृष्ण का सवा मन यानी 50 किलो दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक किया गया. कान्हा के जन्मदिन पर ब्रज के मंदिरों को दुल्हन-सा सजाया है. प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमगा रहे हैं. जन्माष्टमी पर लगभग 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मथुरा पहुंच चुके है.

1008 कमल पुष्पों से कान्हा का किया जाएगा आह्वान

मथुरा के जन्म भूमि मंदिर में मेन आयोजन होगा. गुरुवार की रात 11 बजे से महाअभिषेक का कार्यक्रम शुरू होगा. श्री कृष्ण जन्मस्थान पर सबसे पहले श्री गणेश पूजन, नव ग्रह पूजन होगा. 1008 कमल पुष्पों से भगवान श्रीकृष्ण का आह्वान किया जाएगा.

कामधेनु गाय के दूध से अभिषेक होगा

आज रात 12 बजे भगवान का प्राकट्य के साथ महाअभिषेक किया जाएगा. चांदी की कामधेनु गाय के दूध से कान्हा का अभिषेक होगा. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर ढोल-नगाड़े, झांझ, मजीरा, मृदंग और हरिनाम संकीर्तन किया जाएगा. अभिषेक के बाद भगवान की महाआरती होगी.

Janmashtami in Mathura: मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी की धूम, कान्हा के स्वागत में बज रहे ढोल-मंजीरा और डमरू
द्वारिकाधीश में होंगे ये कार्यक्रम

द्वारिकाधीश मंदिर में कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह 6 बजे से हुई है. यहां मंगला आरती के बाद पंचामृत अभिषेक किया गया. सुबह साढ़े 8 बजे भगवान के श्रृंगार के दर्शन हुए. इसके बाद शाम को साढ़े 7 बजे उद्यान के दर्शन होंगे. रात 10 बजे जागरण की झांकी की जाएगी. इसके बाद रात 11 बजकर 45 मिनट पर पंचामृत अभिषेक के दर्शन होंगे.

वृंदावन में प्रकट होंगे नंदलाल

भगवान राधा कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन के मंदिरों में अभिषेक हुआ. यहां के राधा रमण, राधा दामोदर और शाह बिहारी जी मंदिर में सुबह 10 बजे से अभिषेक शुरू हुआ. मान्यता है कि भगवान का जन्म मथुरा में हुआ, जबकि वृंदावन में वह प्रकट हुए थे. इसीलिए यहां भगवान का अभिषेक दिन में किया जाता है.

Janmashtami 2023: आज जन्माष्टमी पर बन रहा ग्रह-नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग, राशि अनुसार ऐसे करें कान्हा की पूजा
बंदियों की बनाई पोशाक पहनेंगे बांके बिहारी

श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और अन्य पदाधिकारी ढोल-नगाड़े के साथ ठाकुर जी को पहनाए जाने वाली खास पोशाक को अपने सिर पर टोकरी रखकर लेकर भागवत भवन पहुंचे. इस यात्रा कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी. पूरा मंदिर प्रांगण कान्हा के जयकारों से गूंज उठा.

ड्रेस को 11 पार्ट में किया गया तैयार

ड्रेस को 11 पार्ट में तैयार किया गया है. इसमें धोती, बगलबंदी, दुपट्टा, कमरबंद, प्रतिमा के पीछे लगने वाला पर्दा, भगवान के सिंहासन पर बिछने वाला कपड़ा शामिल है. जरी के कपड़े पर रेशम के धागे से बेहद आकर्षक कलाकारी की गई है. इस ड्रेस में मोर का रूप देने का प्रयास किया गया है.

Related Articles

Back to top button