‘वित्त मंत्री के भाषण में महाराष्ट्र एक बार भी नहीं आया, प्रदेश के साथ भेदभाव’; आदित्य ठाकरे का आरोप
मुंबई: शिवसेना (उद्धव ठाकर गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार भी महाराष्ट्र का जिक्र नहीं किया। उन्होंने सबसे ज्यादा कर अदा करने वाले राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। एक्स पर पोस्ट करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को भ्रष्ट शासन और अधिक टैक्स लगाकर लूट रही है।
उन्होंने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि भाजपा ने अपनी सरकार को बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को बड़ा बजट दिया है। लेकिन महाराष्ट्र की क्या गलती है? जब हम सबसे ज्यादा टैक्स अदा करते हैं। इतने बड़े योगदान के बाद हमें क्या मिला?
ठाकरे ने कहा कि क्या महाराष्ट्र का बजट में एक बार भी जिक्र किया गया? भाजपा महाराष्ट्र से इतनी नफरत क्यों करती है? महाराष्ट्र का इतना अपमान क्यों किया जा रहा है? उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी भाजपा सरकार ऐसा कर चुकी है। यह महाराष्ट्र के प्रति भेदभाव है।
आंध्र प्रदेश को मिले 15 हजार करोड़
बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एलान किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा, “सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने, विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर, आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन और आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान दिया जाएगा।
भरी बिहार की झोली
वित्त मंत्री सीतारमण ने बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाले एक अतिरिक्त पुल को बनाने में भी मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई, जिनमें भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है।