शराब घोटाला: आखिर क्यों ईडी और सीबीआई के निशाने पर आए मनीष सिसोदिया ? ये हैं पूरी गणित
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी से पहले सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिया था। गिरफ्तारी के बाद पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था। अदालत में पेश किया गया, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने केंद्रीय एजेंसी को दो और दिनों के लिए अपनी रिमांड पर भेज दिया।
ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है।
आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने-सामने आए गए हैं। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘इनका एक ही मकसद है- मनीष को हर हालत में अंदर रखना। रोज नये फर्जी मामले बनाकर। जनता देख रही है। जनता जवाब देगी’।
ईडी पिछले साल अगस्त 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच कर रही है। ईडी अब तक इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने आरोप लगाया कि साजिश निजी संस्थाओं को थोक व्यापार देने और उसी से छह फीसदी रिश्वत प्राप्त करने के लिए 12 फीसदी मार्जिन तय करने की थी।