एक देश एक चुनाव विधेयक पर संसदीय समिति की बैठक, JPC के सामने पेश हुए कानूनी विशेषज्ञ
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नई दिल्ली: विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष रितुराज अवस्थी मंगलवार को एक देश एक चुनाव विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसदीय समिति के सामने पेश हुए। संसदीय समिति एक देश एक चुनाव को लेकर सभी संबंधित विशेषज्ञों और हिस्सेदारों से बात कर रही है। इसी के तहत कानूनी विशेषज्ञ के तौर पर रितुराज अवस्थी भी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष रितुराज अवस्थी के अलावा आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा भी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। नितेन चंद्रा एक देश एक चुनाव पर सहमति बनाने वाली पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति में सचिव भी रहे थे।
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी समिति के सामने होंगे पेश
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित भी संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व कांग्रेस सांसद ई एम सुदर्शन नचियप्पन, जिन्होंने 2015 में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में संसदीय समिति का नेतृत्व किया था, भी समिति के साथ अपने विचार साझा करेंगे। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (ONOE) पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था।
संविधान संशोधन विधेयक समेत दो विधेयक जेपीसी के पास भेजे गए
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सरकार ने लोकसभा में संविधान में संशोधन करने वाले एक विधेयक सहित दो विधेयक संसद में पेश किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन विधेयकों पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया। संसदीय समिति ने मंगलवार को छोड़कर अब तक दो बैठकें की हैं।