उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में भू-धंसाव की घटना आई सामने, लोगों को सता रहा बेघर होने का डर
जोशीमठ में भू-धंसाव से खराब हुए हालात के बाद अब उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के लोगों को भी डर सता रहा है। यहां भी घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं। उत्तरकाशी तहसील मुख्यालय भटवाड़ी के गांव 12 साल से भू-धंसाव की चपेट में हैं।
वर्ष 2010 में भटवाड़ी गांव में भू-धंसाव के चलते 49 आवासी भवन जमींदोज हो गए थे।गंगोत्री हाईवे का एक हिस्सा नदी में समा गया था। प्रशासन ने 50 परिवारों को जल विद्युत निगम की कालोनी में शिफ्ट किया था जो आज भी वहीं रह रहे हैं।
वर्ष 2010 से लगातार हो रहे भू-धंसाव के चलते अब गांव के सभी मकान धंसाव की चपेट में हैं। गांव में अभी भी करीब 150 परिवार निवास कर रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए।
प्रशासन का कहना है कि 49 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया गतिमान है। जोन फाइव में होने के कारण भूकंप के लिए भी संवेदनशील है। दरारों से जर्जर भवन हल्के भूकंप में जमींदोज हो सकते हैं। करीब 10 सालों से वे रतजगा ही कर रहे हैं।