मलेरिया के लक्षण और कारण, जानिए इस रोग से बचाव के तरीके
आज यानी 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत का कारण बनने वाली इस बीमारी से भारत भी प्रभावित है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में व्यापक कैंपेन और जागरूकता अभियान के चलते भारत में मलेरिया के मामलों में विशेष सुधार आया है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में मलेरिया के केस साल 2020 में 45 फीसद और 2021 में 13 फीसद की गिरावट के साथ लगातार कम हुए। मलेरिया की रोकथाम और इससे बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
क्या है मलेरिया
मलेरिया के तरह की बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है। इसमें अगर समय पर इलाज न किया जाए तो रोग के गंभीर रूप लेने या मौत का खतरा हो सकता है। आइए इस रोग के कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से समझते हैं।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षणों में बुखार के साथ ठंड लगने की समस्या सबसे सामान्य है। मलेरिया परजीवी शरीर में प्रवेश करने के लंबे समय तक निष्क्रिय रह सकते हैं, यही कारण है कि कई बार इसके लक्षण दिखने में काफी वक्त भी लग सकता है। समय रहते लक्षणों की पहचान कर रोग का इलाज प्राप्त करना चाहिए, ऐसा करके गंभीर जोखिमों को कम किया जा सकता है।
- कंपकंपी वाली ठंड लगने के साथ बुखार की दिक्कत।
- सिर दर्द।
- जी मिचलाना-उल्टी।
- पेट-मांसपेशियों में दर्द
- मल से रक्त आने की समस्या।
मलेरिया का कारक
यह एक जानलेवा बीमारी है, जोकि संक्रमित एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती है। संक्रमित मच्छरों में प्लाज्मोडियम परजीवी होते हैं। जब यह मच्छर काटता है, तो परजीवी आपके खून में मिल जाते हैं। ये परजीवी लिवर में पहुंचकर पनपने लगते हैं। इसके बाद परिपक्व परजीवी रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं। संक्रमण के बाद इसके लक्षण दिखने में 10-15 दिनों का समय लग सकता है। मलेरिया का संक्रमण बरसात के दिनों में अधिक होता है पर यह अन्य मौसमों में भी आपको शिकार बना सकता है।
मलेरिया का इलाज
लक्षण दिखने पर रक्त की जांच कराएं। मलेरिया के निदान के लिए डॉक्टर की सलाह पर इसके दवा का कोर्स पूरा करें। लक्षण कम होने पर बिना डॉक्टरी सलाह के दवा बंद न करें। मलेरिया से बचाव के लिए प्रयास करना बहुत आवश्यक है।