थाई मसाज से मिलेंगे गजब के फायदे, जानिए कैसे…
मसाज के भी कई टाइप होते हैं इनही में से एक है, थाई मसाज। थाई मसाज एक ट्रेडिशनल हीलिंग सिस्टम है, जो पिछले 2500 साल पहले से चलन में है। मालिश एक्यूप्रेशर, आयुर्वेदिक प्रिंसिपल और तरह-तरह के योग मुद्राओं का एक कोम्बिनेशन है।
बौद्ध मोंक्स द्वारा विकसित, थाई मालिश की जड़ें भारत से भी जुड़ी हुई हैं। यह मालिश तनाव को कम करने, एनर्जी को बूस्ट करने और एथलेटिक पर्फोर्मेंस में सुधार करने के लिए बेहतरीन है।
कैसे होती है मसाज और कितना लगता है समय?
दूसरी मसाज के मुताबिक थाई मसाज में आपको लेटने की जरूरत नहीं है, बल्कि फर्श पर लेटना है और पूरे प्रोसेस में ज्यादा एक्टिव रूप से भाग लेना होगा। पूरे शरीर की मालिश में आमतौर पर 90 मिनट से 2 घंटे तक का समय लगता है।
कितनी बार करवा सकते हैं ये मसाज
मालिश करने के बाद सही आराम करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। इस थैरेपी में मांसपेशियों में खिंचाव होता है, इसलिए इसे रोज नहीं लेना चाहिए। एक सेशन के बाद दूसरे सेशन में जाने से पहले, अपनी मांसपेशियों को आराम दें और साथ ही रिकवर होने का वक्त दें।
क्या हैं इस मसाज के फायदे
1) स्ट्रेस होगा कम
बहुत ज्यादा स्ट्रेस फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसकी वजह से गंभीर बीमारी हो सकती रिसर्च की मानें तो दूसरे मसाज के मुताबिक स्ट्रेस कम करने के लिए थाई मसाज बेहतर ऑप्शन है।
2) सर्कुलेशन होगा इम्प्रूव
ये मसाज पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। योग जैसे स्ट्रेचिंग से ब्लड फ्लो बढ़ता है, जो शरीर के टिशू को ऑक्सीजन से भरने में मदद करता है।
3) दर्द से राहत
अगर आप स्कैपुला कोस्टल सिंड्रोम (एससीएस) से पीड़ित हैं तो थाई मसाज भी दर्द से राहत पाने में आपकी मदद कर सकती है। इस सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को दूसरे इलाजों की तुलना में थाई मसाज से राहत मिलती है।
4) सिरदर्द में मिलेगा आराम
साल 2015 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक थाई मसाज पुराने सिरदर्द से पीड़ित लोगों के लिए एक प्रभावी ट्रीटमेंट है।