गॉलब्लैडर में स्टोन होना कितना खतरनाक, जानिए इसके कारण और बचाव के तरीके
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पथरी होने की समस्या बहुत आम है, ये किसी भी उम्र में या फिर पुरुष-महिला हो या फिर बच्चे किसी को भी हो सकती है। पथरी की समस्या गंभीर दर्द के साथ कई अन्य प्रकार की दिक्कतों को बढ़ाने वाली होती है, जिसके बारे में जानना और सभी लोगों को नियमित रूप से इससे बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है। पथरी मुख्यरूप से शरीर के दो अंगों- किडनी और गॉलब्लैडर (पित्ताशय) में होती है। इस लेख में हम गॉलब्लैडर स्टोन और इसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में जानेंगे।
गॉलब्लैडर में पथरी की दिक्कत अब काफी आम हो गई है। यह समस्या तब होती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य पदार्थ अधिक मात्रा में जमा होकर कठोर कणों में बदल जाते हैं। आमतौर पर शुरुआती स्थिति में गॉलब्लैडर में पथरी के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते हैं हालांकि जैसे-जैसे पथरी का आकार बढ़ने लगता है, ये शरीर में कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ा देती है।
गॉलब्लैडर स्टोन के कारण क्या दिक्कतें होती हैं?
पित्ताशय में पथरी होने पर शुरुआत में आमतौर पर कोई भी दिक्कत महसूस नहीं होती है, हालांकि अगर पथरी का आकार बड़ा है तो इसके कारण आपको तेज दर्द और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि पित्ताशय की पथरी नली में फंस जाती है और रुकावट पैदा करती है, तो इसके परिणामस्वरूप होने वाले बीमारी के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।
गॉलब्लैडर स्टोन के कारण आमतौर पर इस तरह की दिक्कतें अधिक देखी जाती हैं।
- पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेजी से बढ़ने वाला दर्द।
- पित्त की पथरी का दर्द कई मिनट से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है।
- कंधे की हड्डियों के बीच पीठ में दर्द
- मतली या उल्टी आना।
गॉलब्लैडर स्टोन से बचाव के लिए क्या करें?
कई बार पथरी के कारण गॉलब्लैडर में संक्रमण और सूजन हो सकता है जिससे बुखार और उल्टी हो सकती है। इसके अलावा पित्त नली में अवरोध होने के कारण पाचन प्रभावित होता है और पीलिया की समस्या हो सकती है। गॉलब्लैडर स्टोन से बचने के लिए सभी लोगों को कुछ बातों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना चाहिए।
फाइबर युक्त आहार का सेवन अधिक करें
फल (सेब, नाशपाती), सब्जियां, और साबुत अनाज पाचन को दुरुस्त रखते हैं और पथरी बनने की आशंका को कम करते हैं। शोध से पता चलता है कि उच्च फाइबर वाला आहार पित्त में कोलेस्ट्रॉल के संतुलन को बनाए रखता है, जिससे पथरी से बचाव हो सकता है।