बुखार आने के कितने समय बाद टेस्ट कराना जरूरी? यहां जानें

इन दिनों बुखार के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिधर देखो उधर हर किसी घर का कोई न कोई सदस्य बीमार पड़ा हुआ है. बुखार व्यक्ति के शरीर को तोड़कर रख देता है. वैसे तो बुखार आना सामान्य बात है, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है.
ऐसे में हर किसी को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि बुखार आने पर आखिर कब टेस्ट करवाना चाहिए.

डॉक्टर से कब करना चाहिए संपर्क-

कई बार ऐसा होता है कि हम बुखार को सामान्य समझकर नॉर्मल दवाएं खाते रहते हैं और बाद में ये गंभीर हो जाता है, ऐसे में समय पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है. बुखार आने पर सबसे पहले खूब आराम करें और पानी ज्यादा पिएं. अगर बुखार एक-दो दिन में कम नहीं होता है या 103 डिग्री के ऊपर चला जाता है तो इस स्थिति में डॉक्टर से मिलना चाहिए. आपकी स्थिति को देखकर डॉक्टर जरूरी टेस्ट करवाने की सलाह देंगे.

तेज बुखार मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू आदि का संकते हो सकता है. बुखार आने पर ब्लड टेस्ट और मलेरिया का टेस्ट करवा लेना चाहिए इससे ये बात साफ हो जाती है कि आखिर बुखार किस वजह से आ रहा है.

बुखार आने पर कराएं ये टेस्ट-

ब्लड टेस्ट – ब्लड टेस्ट से कई चीजें साफ हो जाती हैं. ब्लड टेस्ट से संक्रमण या किसी गंभीर स्थिति का पता चल जाता है.यह सबसे जरूरी टेस्ट है.

मलेरिया टेस्ट- यदि आपका बुखार एक दो दिन में नहीं ठीक हो रहा है तो मलेरिया टेस्ट करवाना चाहिए. यह मलेरिया परजीवी की उपस्थिति का पता लगाता है. मलेरिया का टेस्ट खून की एक बूंद से किया जाता है. रिपोर्ट में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर तुरंत इलाज शुरू करते हैं.

डेंगू टेस्ट – इन दिनों डेंगू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में बुखार आने पर सतर्क रहें. दो दिन में बुखार नहीं ठीक होने पर डेंगू टेस्ट करवाएं, इसकी जांच भी खून के सैंपल से की जाती है. रिपोर्ट में डेंगू वायरस पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज लें.

विडाल टेस्ट – टाइफाइड जैसे बैक्टीरियल संक्रमण का पता लगाने के लिए विडाल टेस्ट किया जाता है.

वायरल फीवर टेस्ट – वायरल संक्रमण जैसे डेंगू, चिकनगुनिया आदि के लिए किया जाता है. इसके बारे में पता होने पर डॉक्टर से उचित इलाज कराएं.

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