वायनाड पुनर्वास के लिए केंद्र के ऋण की शर्तों पर केरल मंत्री ने उठाए सवाल, कहा- ‘यह क्रूर मजाक है

वायनाड:  केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने शनिवार को केंद्र द्वारा वायनाड पुनर्वास के लिए स्वीकृत 529.50 करोड़ रुपये के ऋण की शर्तों को डरावना और क्रूर मजाक बताया। उन्होंने कहा कि वायनाड के पुनर्वास के लिए केंद्र द्वारा जारी राशि से यह स्पष्ट होता है कि वायनाड और केरल में भूस्खलन पीड़ितों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया नहीं बदला है। राजन ने कहा कि केंद्र ने केरल को बिना शर्त वित्तीय सहायता देने के बजाय, ऋण के साथ कठोर शर्तें लगाई हैं, जिसमें 31 मार्च तक पूरी राशि का उपयोग करना अनिवार्य है।

भाजनपा ने किया पलटवार
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने वामपंथी सरकार और विपक्षी यूडीएफ पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा दिया गया 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण असल में एक अनुदान है। उन्होंने कहा कि केरल सरकार और यूडीएफ को इस रकम को 50 साल बाद चुकाने की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि पांच साल बाद इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय पार्टी, यानी बीजेपी पर आ जाएगी।
सुरेंद्रन ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर चुप रहने और राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय वायनाड में पिछले साल हुए भूस्खलन के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए तुरंत इस रकम का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मार्च तक समयसीमा को बढ़ाकर अप्रैल या मई करने की मांग की जा सकती है, और केंद्र इस पर विचार करेगा। सुरेंद्रन ने यह भी बताया कि पुनर्वास कार्य राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी, जैसा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने तय किया था, लेकिन केंद्र जरूरत पड़ने पर मदद करेगा और भविष्य में भी करेगा।

वायनाड के लोगों का आरोप
साथ ही मामले में वायनाड के कुछ आपदा प्रभावित लोगों ने अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वे निराश हैं और आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार उन्हें एक पाले से दूसरे पाले में गेंद की तरह फेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने यहां आकर हरसंभव मदद का वादा किया था, तो हमें उम्मीदें थीं, लेकिन अब हमें केवल ऋण दिया गया है।

Related Articles

Back to top button