‘केंद्र वक्फ बोर्ड को नियंत्रित नहीं करना चाहता’, जेपी नड्डा ने बताई कानून को लेकर सरकार की क्या है मंशा

नई दिल्ली:  भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्डों को नियंत्रित नहीं करना चाहती, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वे कानून के दायरे में काम करें ताकि उनकी संपत्ति का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए किया जा सके। पार्टी के 46वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने ये बात कही।

नड्डा ने बताई क्या है सरकार की मंशा
उन्होंने कहा कि तुर्की और कई अन्य मुस्लिम देशों की सरकारों ने भी वहां की वक्फ संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने कहा, ‘हम केवल उन लोगों से कह रहे हैं जो (वक्फ बोर्ड) संचालन कर रहे हैं कि आप नियमों के अनुसार काम करें। आपको नियमों के अनुसार काम करना होगा। हम वक्फ बोर्ड को नियंत्रित नहीं करना चाहते। हमारा लक्ष्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि इसका प्रबंधन करने वाले लोग कानून के दायरे में काम करें और नियमों का पालन करें। वक्फ बोर्ड की संपत्ति का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जाएगा।’

राष्ट्रपति ने दी वक्फ विधेयक को मंजूरी
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को शनिवार देर शाम मंजूरी दे दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत वक्फ कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। वक्फ विधेयक, जो अब कानून बन चुका है, इसे 2 अप्रैल को लोकसभा में और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पारित किया गया था। नए कानून को लेकर विरोध भी हो रहा है और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी और AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने अलग-अलग याचिकाओं में वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन एक्ट मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है। यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है।

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