‘बहुत मुश्किल था ऐसा करना’, फिल्म ‘फायर’ में नंदिता दास के साथ इंटीमेट सीन पर बोलीं शबाना आजमी
फिल्म ‘फायर’ (1996) को बॉलीवुड की ऐसी पहली फिल्म माना जाता है, जिसमें समलैंगिक संबंधों पर चर्चा की गई। इसमें शबाना आजमी और नंदिता दास मुख्य भूमिका में नजर आईं। फिल्म का निर्देशन दीपा मेहता ने किया। दोनों के बीच फिल्म में लवमेकिंग सीन फिल्माए गए। शबाना आजमी ने हाल ही में इस पर बात करते हुए कहा कि उनका अनुभव काफी मुश्किल रहा। हालांकि, निर्देशक दीपा मेहता ने चीजों को काफी आसान बनाया।
फिल्म की रिलीज पर हुए खूब विवाद
फिल्म ‘फायर’ के थिएटर में रिलीज होने के बाद इस पर खूब विवाद हुए। यह शबाना आजमी और नंदिता दास अभिनीत समलैंगिक संबंधों पर आधारित पहली मुख्यधारा की बॉलीवुड फिल्म है। भारत में, यह साल 1998 में रिलीज हुई। इस पर कई विरोध प्रदर्शन हुए थे। सेंसर बोर्ड ने इसे बिना कट के पास कर दिया था, इसे फिर जांच के लिए वापस भेजा गया। इस फिल्म ने भारत में समलैंगिक अधिकारों के बारे में चर्चा को जन्म दिया। फिल्म के कई दृश्यों की राजनीतिक दलों और अन्य समूहों ने कड़ी आलोचना की। उन्हें अनैतिक, अश्लील और भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया। कुछ लोगों ने तो यह भी दावा किया कि फिल्म ‘भारतीय महिलाओं को बिगाड़ देगी’। हाल ही में शबाना आजमी ने फिल्म में नंदिता दास के साथ फिल्माए गए इंटीमेट सीन पर बात की।
परेशान कर रहा था यह विचार
रेडियो नशा ऑफिशियल के साथ एक इंटरव्यू में शबाना आजमी ने दीपा मेहता की फिल्म को साइन करने के पीछे के कारणों को स्प्ष्ट किया। शबाना आजमी ने कहा, ‘जब मैंने स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे यह बहुत पसंद आई, क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती थी कि यह ऐसी चीज है, जिसके बारे में भारतीय खुलकर बात नहीं करते। वे हमेशा इस मुद्दे को दबा देते हैं। ‘क्या मैं यह कर सकती हूं?’ इससे ज्यादा मुझे यह विचार परेशान कर रहा था कि ‘क्या मुझे यह करना चाहिए?’ इसलिए मैं बस यही सोच रही थी कि अगर यह फिल्म रिलीज हो गई तो क्या होगा’।
जावेद अख्तर ने दिया यह सुझाव
शबाना आजमी ने कहा, ‘फिर मुझे एहसास हुआ कि मैं हर भारतीय को एक समान नहीं मान सकती। वे सभी एक जैसे नहीं हैं। उनमें से कुछ को यह पसंद आ सकती है, कुछ लोग बेशक इस पर चिंता जाएंगे या इससे परेशान हो सकते हैं। लेकिन, कम से कम यह फिल्म सवाल उठाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देगी’। फिल्म साइन करने से पहले शबाना आजमी ने अपने पति जावेद अख्तर से भी चर्चा की। अभिनेत्री ने कहा, ‘जब मैंने जावेद साहब से बात की तो उन्होंने मुझसे पूछा, ‘क्या आपको स्क्रिप्ट पसंद आई?’, मैंने कहा, ‘हां’। उन्होंने कहा, ‘तो फिर यह फिल्म करनी चाहिए’। उन्होंने मुझे समझाया, ‘तुम्हें पता होना चाहिए कि यह फिल्म विवादों के बिना नहीं बनेगी, लेकिन अगर तुम्हें लगता है कि फिल्म रिलीज होने के बाद तुम इसका बचाव कर सकती हो, तो करो’।