लंबी अवधि में लार्जकैप में निवेश बेहतर फैसला, ऑटोमोबाइल व रियल एस्टेट आकर्षक क्षेत्र
चौथी तिमाही के वित्तीय परिणाम अब अंतिम चरण में है। लगातार चौथी तिमाही में मार्जिन बढ़ने से कमाई में वृद्धि का रुझान बरकरार है। बाजार उच्चतम स्तर पर है, इसलिए निकट अवधि में अस्थिरता पर नजर रखनी चाहिए। बाजार का मूल्यांकन महंगा है। मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, इसलिए लार्जकैप में बदलाव जरूरी है। निवेशकों को छोटी के बजाय लंबी अवधि पर ध्यान देना चाहिए। अगले दो महीने चुनाव के लिहाज से अहम हैं, जो निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं।
भारत के लिए मजबूत सकारात्मक कारक
भारत वैश्विक स्तर पर उन कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में से एक बना हुआ है, जो इसे बनाए रखने के लिए कई सकारात्मक कारकों के साथ मजबूत जीडीपी वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। यह कारक निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करते रहना चाहिए। चुनाव खत्म हो जाने के बाद उम्मीद है कि भारत का पूंजीगत खर्च तेज हो जाएगा। विश्व स्तर पर कम ब्याज दरों की उम्मीदें एक और महत्वपूर्ण घटना है जिस पर नजर रखनी होगी।
ऑटोमोबाइल व रियल एस्टेट आकर्षक क्षेत्र
बाजार की गतिशीलता अनुकूल चक्रीय कारकों से प्रभावित होगी, जो मुख्य रूप से निजी पूंजीगत खर्च से प्रेरित है, जिसके निकट अवधि में बढ़ने की उम्मीद है। यह चक्र इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और यूटिलिटीज जैसे निवेश वाले क्षेत्रों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट क्षेत्र भी निवेश के लिहाज से आकर्षक है। बिजली, रक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों पर भी विचार किया जा सकता है, जिन्हें सरकार की नीतियों से फायदा हो सकता है।
एसेट के एलोकेशन पर जरूर दें ध्यान
मिड व स्मॉलकैप में तेजी के कारण निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन करने की जरूरत है। इन दोनों में से कुछ रकम लार्जकैप में निवेश की जा सकती है। हालांकि, निवेशकों के लिए जो अधिक महत्वपूर्ण है, वह एसेट एलोकेशन का पालन करना है। एक्सिस एएमसी के एमडी-सीईओ बी गोपकुमार कहते हैं कि अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग विभिन्न आर्थिक स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। निवेशक लंबे समय तक निवेशित रहें तो उनके पास बेहतर रिटर्न कमाने का मौका रहता है। निवेश का विविधीकरण बहुत जरूरी है।