भारतीय एयरलाइंस वेट लीज पर ले सकेंगीं विमान, मौजूदा नियमों को सरल बनाने की तैयारी में डीजीसीए

नई दिल्ली: लगातार बढ़ रही यात्रा मांग को लेकर विमान नियामक संस्था नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विमान कंपनियों को विमानों को वेट लीज पर लेने की अनुमति देने की तैयारी की है। डीजीसीए अधिकारियों के मुताबिक एयरलाइनें अधिक उड़ानों का संचालन करना चाहती हैं। लेकिन सप्लाई चेन में दिक्कतों के चलते विमान नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए कंपनियों ने भविष्य को देखते हुए विमानों को ड्राई और वेट लीज पर लेने का विकल्प चुना है। इसलिए डीजीसीए विमानन क्षेत्र के विकास को देखते हुए वेट लीज के नियमों को सरल बनाने पर काम रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक ओर विमानों के इंजन की समस्याएं बढ़ रही हैं तो दूसरी ओर हवाई मार्ग भी लगातार विकसित हो रहे हैं। पीएंडडब्ल्यू इंजन में तकनीकी दिक्कत के चलते इंडिगो के कई विमान पहले से ही जमीन पर हैं। ऐसे विमानों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा विमानों को पट्टे पर लेने की सुविधा के लिए कुछ प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। साथ ही कंपनी को संबंधित विमान की सभी उड़ान और रखरखाव का रिकॉर्ड डीजीसीए को देना होगा।

जानिए क्या हैं वेट और ड्राई लीज के नियम

विमान की वेट लीज में कंपनियां विदेशी विमान को पट्टे पर लेती हैं। इसमें चालक दल, उसका रखरखाव और बीमा शामिल होता है। विमान पट्टा देने वाले विदेशी ऑपरेटर के परिचालन नियंत्रण में भी होता है और संबंधित विदेशी नागरिक विमानन प्राधिकरण की नियामक आवश्यकताओं के अधीन होता है। जबकि ड्राई-लीजिंग के मामले में कंपनी केवल विमान ही लेती है। मौजूदा समय में इंडिगो और स्पाइसजेट वेट-लीज विमान और एयर इंडिया ड्राई-लीज विमान का संचालन करती है। ऐसे में अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने वेट-लीजिंग नियमों को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है। अभी वेट-लीज विमानों पर डीजीसीए का पूरा नियंत्रण नहीं है। जबकि नए या अतिरिक्त मार्गों के लिए विमानों की वेट-लीज में भी कुछ प्रतिबंध हैं।

विदेशी पायलट होंगे

भारतीय एयरलाइंस कंपनियां भी विमानों को वेट लीज पर लेने की तैयारी में हैं। इसमें केवल पायलट ही विदेशी से होंगे, जबकि बाकी क्रू एयरलाइन्स के होंगे। इसके अलावा वेट लीज पर लिए गए विमानों के पायलट संबंधित विदेशी विनियामक के नियमों के अधीन होते हैं, जिनमें एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) भी शामिल है। एक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में जमीन पर विमान मौजूद हैं, यदि यह भारतीय विमानन कंपनियों के लिए ठीक रहेगा तो हम प्रक्रिया का उचित मूल्यांकन करके तथा उन्हें पट्टे पर विमान उपलब्ध कराने में सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

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