यूपीआई लेनदेन की संख्या में दिखी तेजी, डिजिटल ट्रांजेक्शन की तरफ बढ़ रहा भारत

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा अलग-अलग मंचो पर देश को नया भारत बताते रहते हैं।  भारत में कुछ साल पहले तक किसी को तेज इंटरनेट नहीं मिल पाता था वहां आज के समय में रिकॉर्ड यूपीआई ट्रांजेक्शन हो रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में देश में यूपीआई लेनदेन की संख्या में तेजी देखी गई है।  केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत किसानराव कराड ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की है।

सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के परिणामस्वरूप मंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल लेनदेन में बदलाव आया है, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 21-22 में पंजीकृत यूपीआई लेनदेन 45 बिलियन थे, जो पिछले 3 वर्षों में 8 गुना वृद्धि और पिछले 4 वर्षों में 50 गुना वृद्धि दर्शाता है।  डेबिट कार्ड और कम मूल्य (यानी 2,000 रुपये तक) के व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) लेनदेन का उपयोग करके पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।

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