इस तरह से बढ़ाएं अपनी बेटी का आत्मविश्वास, तभी मिलेगी उसके हौसलों को उड़ान
जिस तरह से हर घर के लिए बेटा जरूरी माना जाता है, ठीक उसी तरह से समाज के और राष्ट्र के उत्थान के लिए हर घर में बेटी का होना बेहद महत्वपूर्ण है। जब एक लड़की जन्म लेती है तो वो अपने घर के साथ-साथ अपने ससुराल की भी जिम्मेदारी बखूबी निभाती है। ऐसे में परिवार को संभालने से लेकर परिवार की पीढ़ी को आगे बढ़ाने तक की जिम्मेदारी एक लड़की की ही होती है।
एक समय था, जब बेटियों को लोग बोझ मानते थे, पैदा होते ही लड़की को मार दिया जाता था, पर आज का वक्त बदल चुका है। अब लोग अपने घर की लड़की को ना सिर्फ शिक्षित बनाते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी पूरा प्रयास करते हैं। आज के वक्त में लड़कियां ऊंचाईयों की राह पर चलकर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं।
लड़कियों की स्थिति को और ज्यादा सुधारने के लिए वर्तमान में कई संगठन काफी काम कर रहे हैं। बेटियों के खिलाफ होने वाले अपराधों से उन्हें बचाने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों व अधिकारों के संरक्षण के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। हर साल ये दिन 24 जनवरी को मनाया जाता है। अगर आपके घर में भी बेटी है तो उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए आप कुछ पहल जरूर करें।
सिखाएं आत्मरक्षा के गुण
आज के समय में जब लड़कियां अकेले स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जा रही हैं, तो उन्हें आत्मरक्षा का ज्ञान जरूर होना चाहिए क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं है कि उनके साथ हर वक्त कोई ना कोई मौजूद रहे। ऐसे में अपने घर की लड़की को बचपन से ही आत्मरक्षा के गुण सिखाएं, ताकि वो खतरे के वक्त खुद का बचाव कर सके।
बढ़ाएं उनका आत्मविश्वास
आपने अक्सर देखा होगा, कि बहुत सी लड़कियां शिक्षित होने के बावजूद अपने विचार लोगों के सामने रखने के डरती हैं। उन्हें लगता है कि लोग उनका मजाक उड़ाएंगे। ऐसा तब होता है, जब किसी में आत्मविश्वास की कमी हो। अगर आपके घर की बेटी भी कुछ कहने या करने से डरती है तो उसका आत्मविश्वास जरूर बढ़ाएं। उन्हें अपना काम खुद से करने की सलाह दें।
करने दें फैसला
ज्यादातर लड़कियों की पढ़ाई से लेकर हर छोटा-बढ़ा फैसला, उनके घर के बड़े या पुरुष ही करते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। हर किसी को ये हक होता है, कि वो अपने से जुड़े फैसले खुद से लें। अपने घर की बेेटी को फैसला लेने के लिए प्रेरित करें। फैसला लेते वक्त उनका साथ दें। अगर उन्हें कहीं संशा हो तो उन्हें आराम से बैठा कर समझाएं।
ना करें ज्यादा रोक-टोक
ज्यादा रोक-टोक करने से आपके घर की बेटी का आत्मविश्वास खत्म हो सकता है। ऐसे में उन्हें अच्छा और गलत समझाएं, लेकिन ज्यादा रोक-टोक ना करें। किसी भी लड़की पर प्रतिबंध लगाना किसी भी हद तक सही नहीं है। इससे वो कैद हो जाती हैं।
बनाएं आत्मनिर्भर
आज के समय में जिस तरह से लड़कों का नौकरी करना जरूरी है, ठीक उसी तरह से लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। यहां बात सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की नहीं है, आप उन्हें ड्राइव करना सिखा सकते हैं, ताकि वो घर के काम के साथ-साथ बाहर की जिम्मेदारी भी बिना डरे उठा सकें। इसके साथ ही उन्हें नौकरी के लिए भी प्रोत्साहित करें।