लखनऊ: प्रॉपर्टी के लालच में दरिंदा बना बेटा, रेता मां-बाप और भाई का गला
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के रिटायर डिप्टी मैनेजर महमूद अली खां (65), उनकी पत्नी दरख्शा (62) और बेटे शावेज (26) की हत्या उनके बड़े बेटे सरफराज ने की थी। इस हत्या में उसने गुलालाघाट के कर्मचारी अनिल यादव को भी शामिल कर लिया था।
सरफराज ने हत्या की साजिश पूरे फिल्मी अंदाज में रची थी। उसने दाल में नींद की 90 गोलियां मिलाकर खिला दी थी। फिर अनिल के साथ बांका से तीनों का गला काट डाला था।
साजिश के तहत ही उसने बहन अनम और पड़ोसियों को हत्या के बाद बता दिया था कि वे लोग जम्मू घूमने गये थे और संभवत: वहां के रामबन इलाके में हुये भूस्लखन में लापता हो गए हैं। इटौंजा पुलिस ने बुधवार को यह खुलासा आरोपित सरफराज और अनिल को गिरफ्तार कर किया। सरफराज ने कुबूला कि उसने तीनों के शव अलग-अलग समय में इटौंजा, मलिहाबाद व माल क्षेत्र में फेंक दिये थे।
इटौंजा पुलिस आरोपित सराफराज को लेकर उसके विकास नगर सेक्टर दो स्थित घर पर गई जहां छत से खून से ने गद्दे और बांका बरामद हो गया। सरफराज ने बताया कि गला काटने और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिये अनिल ने पांच लाख रुपये मांगे थे पर बाद में बात एक लाख 80 हजार में तय हो गई थी।
सराफराज ने कुबूला कि उसने प्रेम विवाह कर लिया था, इस वजह से उसके घर वाले उससे नाराज रहने लगे थे। उसे सम्पत्ति से बेदखल करना चाहते थे। साथ ही छोटे भाई शावेज से पूरे परिवार को ज्यादा लगाव हो गया था। वह करोड़ों की संपत्ति भी उसे देना चाहते थे। इसी वजह से उसने यह कदम उठाया।
विकासनगर (2/516) में महमूद अली पत्नी दरख्शा, बेटे सरफराज, शावेज व बेटी अनम के साथ रहते थे। पिछले साल नवंबर में बेटी की शादी शाहजहांपुर में हुई थी। वह ससुराल में रहने लगी थी। एएसपी ग्रामीण हृदयेश कठेरिया के मुताबिक सरफराज का व्यवहार ठीक नहीं था। जिसके कारण परिवार वाले उसे तवज्जो नहीं देते थे।
सरफराज ने माता-पिता की बिना मर्जी के पांच साल पहले निकाह कर लिया था। यह पता चलने पर महमूद व दरख्शा उससे बेहद नाराज हो गये थे। उन्होंने उससे संबंध खत्म करने का मन बना लिया था। इसके बाद सरफराज का घर आना भी कम हो गया था। वह कोलकाता चला गया था। पर नवंबर में अनम की शादी के बहाने सरफराज फिर घर लौट आया।
इस दौरान भी परिवारीजनों का व्यवहार उसके प्रति नहीं बदला था। सीओ नबीना शुक्ला के मुताबिक सरफराज को डर सताने लगा था कि पिता छोटे भाई के नाम संपत्ति कर सकते हैं। इसमें विकासनगर स्थित मकान भी शामिल है। इसकी कीमत तीन करोड़ रुपए आंकी गई है। ऐसे में सरफराज ने परिवार को खत्म करने का इरादा कर लिया था। आरोपित सरफराज ने हत्या की यही वजह कुबूली।
चार जनवरी को सरफराज ने मां, पिता और भाई को मारने के लिये पहले दाल में नींद की 90 गोलियां मिला कर दे दी थी। गोली मिलाने पर महक तो नहीं आती, इसके लिये एक गोली दाल में मिलाकर उसने भी चखी थी। दाल खाने पर तीनों बेहोश हो गये तो सरफराज ने बांके से उनका गला काटने की कोशिश की पर वह ऐसा नहीं कर पाया। इस पर उसने अनिल को देर रात घर बुलाया था। पहली बार में गला नहीं कटने पर अनिल ने एक के बाद एक कई वार किए थे। तीनों की हत्या बेडरूम में की गई थी।