अर्धसैनिक बलों में 10 लाख से अधिक जवानों को नहीं मिली ‘आवास संतुष्टि’, 70-80% तक कब पहुंचेगा स्तर?

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के कार्मिकों को पर्याप्त संख्या में आवास सुविधा नहीं मिल पा रही है। मौजूदा समय में यह स्तर पचास फीसदी से अधिक बताया जा रहा है। 2019 में गृह मंत्रालय के मामलों के लिए गठित संसद की स्थायी समिति (डिपार्टमेंट-रिलेटेड पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑफ होम अफेयर्स) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सभी अर्धसैनिक बलों में आवास का संतुष्टि लेवल केवल 39.04 फीसदी है। 2014 में आवास संतुष्टि का अनुपात लगभग 33 प्रतिशत था। 2022 के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब यह प्रतिशत 48 हो गया है। सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल के शुभारंभ से नए भवनों के निर्माण के बिना आवास संतुष्टि अनुपात में 13 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस वर्ष 10 मार्च को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने ‘एमएचए’ की अनुदान मांगों (2025-26) को लेकर राज्यसभा में अपनी 252वीं रिपोर्ट पेश की है। समिति ने यह इच्छा जताई है कि आने वाले वर्षों में यह स्तर 70-80 प्रतिशत तक हो जाए।

एसएसबी का आवास संतुष्टि सबसे कम रहा …
संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2022 में सीएपीएफ में आवास संतुष्टि का स्तर 47.95 प्रतिशत था। गृह मंत्रालय ने समिति को सूचित किया है कि इस मामले में कई कदम उठाए जा रहे हैं। सभी केंद्रीय बलों में एसएसबी का आवास संतुष्टि सबसे कम रहा है। इसके लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरुरत है। सेमी अर्बन और रिमोट एरिया में स्थित आवास परिसर से स्कूल और अस्पताल की दूरी ज्यादा होने के कारण इन बलों के कार्मिक, सरकारी आवास लेने में रूचि नहीं दिखाते। इस तरह की दिक्कतों को दूर करने के मकसद से गृह मंत्रालय ने ‘सीएपीएफ ई आवास’ पोर्टल की शुरुआत की है। इसकी मदद से मौजूदा आवासों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो सकेगा। समिति को यह जानकारी भी दी गई है कि कई जगहों पर नए आवास बनाए जा रहे हैं।

2019 में आवास संतुष्टि लेवल 39.04 फीसदी था …
संसदीय स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि गृह मंत्रालय को आवास संतुष्टि का स्तर बढ़ाने के लिए रणनीतिक रोडमैप तैयार करना चाहिए। अर्बन और बेहतर कनेक्टिीविटी वाले स्थानों पर आवास बनाने चाहिएं। यह भी सुनिश्चित हो कि आवास प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो जाएं। ई आवास पोर्टल को और ज्यादा प्रभावी बनाया जाए, जिससे कि विभिन्न लोकेशन पर बने आवासों की अलाटमेंट हो सके। बता दें कि 2019 में गृह मंत्रालय के मामलों के लिए गठित संसद की स्थायी समिति (डिपार्टमेंट-रिलेटेड पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑफ होम अफेयर्स) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सभी अर्धसैनिक बलों में आवास का संतुष्टि लेवल केवल 39.04 फीसदी है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए करीब पौने दो लाख आवास की कमी है। उस वक्त सभी बलों के पास 106683 आवास थे, जबकि इनकी स्वीकृत संख्या 273282 थी।

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