कैसे पहुंचें कैंची धाम? जानें नीम करोली बाबा के आश्रम जाने का सही समय, रूट और खर्च

धार्मिक तीर्थस्थलों में से एक कैंची धाम आश्रम श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। प्रसिद्ध संत नीम करोली बाबा ने यहां एक आश्रम स्थापित किया था, जो कि शांतिपूर्ण आश्रय स्थल बन गया, जहां लोग आंतरिक शांति की तलाश में आते हैं। कैंची धाम एक आध्यात्मिक केंद्र है, जो कि उत्तराखंड की सुरम्य पहाड़ियों पर स्थित है।

पिछले वर्षों में क्रिकेट और मनोरंजन जगत की कई हस्तियां और देश-विदेश के दिग्गज कारोबारी नीम करोली बाबा के आश्रम जाते रहें हैं। सेलिब्रिटीज के बीच लोकप्रिय हुए नीम करोली बाबा के आश्रम आप भी जाना चाहते हैं तो कैंची धाम की यात्रा की पूरी जानकारी यहां मिलेगी। अगली स्लाइड्स में जानिए कैंची धाम कहां है, कैसे नीम करोली बाबा के आश्रम पहुंचे और कैंची धाम में कहां रुक सकते हैं, सफर का कितना खर्च आएगा?

कैंची धाम कैसे पहुंचे?

कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल शहर के पास स्थित है। नैनीताल से 17 किमी दूर कैंची धाम नाम की जगह है, जहां आप सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 324 किलोमीटर है। सफर तय करने में करीब साढ़े 6 घंटे का वक्त लगेगा। आगे का सफर भी सड़क मार्ग से कर सकते हैं।

अगर आप हवाई सेवा चाहते हैं तो कैंची धाम से सबसे करीब 70 किमी दूर पंतनगर हवाई अड्डा है। कैंची धाम तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस मिल जाएगी। ट्रेन से कैंची धाम का सफर तय करना है तो निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम से 38 किलोमीटर दूर नीम करोली आश्रम है।

कब जाएं नीम करोली आश्रम

अगर आप नीम करोली बाबा के आश्रम जाने के लिए सही समय की तलाश में हैं तो मार्च से जून तक का समय उपयुक्त रहेगा। इसके अलावा सितंबर से नवंबर के बीच भी कैंची धाम घूमने जा सकते हैं। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है और आश्रम के आसपास का प्राकृतिक परिवेश सफर के लिए बेहतर रहता है। वहीं जुलाई-अगस्त में मानसून के कारण पहाड़ी क्षेत्र में जाने से बचें।

कैंची धाम घूमने का खर्च

दिल्ली से नैनीताल तक आप बस या ट्रेन से सफर करते हैं तो 300 रुपये से 800 रुपये का टिकट मिल जाएगा। आगे की सफर के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं। इसके अलावा नीम करोली आश्रम आने वाले लोगों को शयनगृह से लेकर निजी कमरे तक मिल सकते हैं। यहां रुकने का खर्च 200 रुपये प्रतिदिन का हो सकता है। भोजन के लिए नाममात्र के पैसे व्यय करने होंगे।

Related Articles

Back to top button