ISI के संरक्षण में कैसे मर रहे भारत के दुश्मन, बलूचिस्तान से पंजाब तक कौन कर रहा आतंकियों का अंत?

पाकिस्तान में एक के बाद एक भारत के दुश्मनों का सफाया होना जारी है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी- इंटर सर्विस इंटेलिजेंस के संरक्षण के बावजूद बीते करीब दो साल में 15 से ज्यादा आतंकियों को मारा जा चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान में यह सभी लोग भारत के खिलाफ साजिश रचते हुए और आतंकी संगठनों को संचालित करते हुए आसानी से जिंदगी काट रहे थे। लेकिन एक-के-बाद-एक रहस्यमयी स्थितियों में हुई हत्या की घटनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के आकाओं को चिंता में डाल दिया।
हाल ही में पाकिस्तान में जिन आतंकियों का सफाया किया गया है, उनमें सबसे ताजा नाम अब्दुल बाकी नूरजई और हाफिज सईद के करीबी अबु कताल का है। दोनों की हत्या ही रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई। ऐसे में यह जानना अहम है कि पाकिस्तान में भारत के कितने मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हालिया वर्षों में पाकिस्तान में मारे गए हैं? इनकी हत्या कब और कैसे हुई? ISI के संरक्षण में छुपे बैठे इन आंतिकों को कौन मार रहा है? भारत में इन आंतकियों ने कौन से अपराध किए थे? आइये जानते हैं…
1. अब्दुल बाकी नूरजई
पाकिस्तान के आतंकी और जमीयत उलेमा ए इस्लाम के नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की क्वेटा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पाकिस्तान में हाल के समय में कई आतंकियों की अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या की गई है। अब उस कड़ी में अब्दुल बाकी नूरजई का नाम भी जुड़ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नूरजई को क्वेटा हवाई अड्डे के नजदीक गोलियां मारी गई। हमले में नूरजई गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अभी तक नूरजई पर हमलावरों की पहचान नहीं हुई है और उनकी तलाश की जा रही है।
2. अबु कताल
15 मार्च 2025 यानी शनिवार रात को पाकिस्तान में हाफिज सईद के करीबी और कश्मीर में कई हमलों में संलिप्त रहे लश्कर ए तैयबा के आतंकी अबू कताल की हत्या कर दी गई। कताल भारत के रियासी हमले का मास्टरमाइंड था। हत्या के पीछे किसका हाथ है, अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, झेलम जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर कताल की हत्या कर दी। वह मुंबई 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक अबू कताल 2002-03 में भारत आया था और यहां कश्मीर के पुंछ-राजौरी इलाके में सक्रिय रहा।
इसके अलावा 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों कर बस हुए हमले में उसकी अहम भूमिका थी। यह हमला उस दिन हुआ था, जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस हमले की चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया था कि हमले का मकसद पूरी तरह से देशभर से शिवखोड़ी व वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं में खौफ पैदा करना था। यहीं नहीं, आतंकी स्थानीय लोगों में भी भय पैदा करना चाहते थे। क्योंकि बस में सवार यात्री मां वैष्णो देवी के दर्शन कर लौटे थे।