हंसल मेहता बोले- वे लोग टिप्पणीकार बन जाते हैं, जिनका फिल्म निवेश से लेना-देना नहीं
द बकिंघम मर्डर्स को सिनेमाघरों में आने के बाद आलोचकों की सराहना तो मिली, लेकिन इसका टिकट खिड़की पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। फिल्म पहले दिन से ही बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष कर रही है और अब तो इसे एक-एक करोड़ रुपये कमाने के लिए भी बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है। फिल्म के निर्देशक हंसल मेहता ने एक हालिया साक्षात्कार में इसकी कम कमाई को लेकर बात की है।
हंसल मेहता ने कहा कि फिल्मों को केवल एक संख्या तक सीमित कर दिया जाता है। उन्हें लगता है कि इससे काम को काफी कम करके आंका जाता है। हंसल ने कहा कि उनका मानना है कि फिल्म आने वाली पीढ़ियों के लिए होती है, इसलिए वक्त पर सोच-विचार किया जा सकता है, लेकिन अब हम फिल्म को समय ही नहीं देते।
हंसल ने डीएनए को दिए साक्षात्कार में आगे कहा कि वे लोग जिनका फिल्म और उसमें हुए निवेश से कोई नाता नहीं है, वे भी टिप्पणीकार बनकर ऐसा बर्ताव करते हैं, जैसे वे हितधारक हो और वो भी बगैर ये जानें कि फिल्मों का बिजनेस मॉडल काम कैसे करता है।
हंसल मेहता ने कहा कि मैं अब फिल्म रिलीज होने से पहले ही उसे छोड़ देता हूं, ताकि आगे बढ़ा जा सके, नहीं तो आप इसमें फंस सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर वो ऐसा कहेंगे कि वो घबराते नहीं हैं, तो ये झूठ होगा। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि फिल्मों को एक बहुत छोटा खेल बना दिया गया है, एक वीकेंड गेम।