राजेश की दीवानी थीं लड़कियां, खून से लिखती थीं लेटर, थिएटर से पहले ब्यूटी…

हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की आज 82वीं पुण्यतिथी है। 1969 से 1975 के बीच उनका ऐसा बोलबाला था कि उनकी हर फिल्म सुपरहिट होती थी। उनका स्टारडम इस लेवल पर था कि उस दौर में पैदा हुए ज्यादातर लड़कों के नाम भी राजेश ही रखे जाते थे। आलम तो ऐसा था कि राजेश जिस गली से निकलते वहां लड़कियों की भीड़ लग जाया करती थी।

राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसम्बर 1942 अमृतसर में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला हीरानंद खन्ना और माता का नाम चंद्ररानी था। उनके पिता स्कूल टीचर थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजेश खन्ना का असली नाम जतिन था, राजेश नाम उन्होंने उनके अंकल के कहने पर रखा था। राजेश एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक और निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। 10 साल की उम्र में उन्होंने थिएटर ज्वाइन कर लिया था। स्कूल-कॉलेज में भी होने वाले हर फंक्शन में वो बढ़कर हिस्सा लेते थे, जिसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड और ट्रॉफियां भी मिली थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजेश ने कुल 180 फिल्मों और 163 फीचर फिल्मों में काम किया था। राजेश ने 128 फिल्मों में मुख्य भूमिका निभायी थी। 3 साल में राजेश खन्ना ने लगातार 15 फिल्में हिट दी थीं, जो कि एक रिकॉर्ड था। इसके बाद राजेश खन्ना से स्टारडम संभाले नहीं संभला तो वो ये तक सोचने लगे थे कि उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप भी हो जाएं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़कियां राजेश खन्ना की फिल्म देखने के लिए, थिएटर से पहले सजने-संवरने के लिए ब्यूटी पार्लर जाया करती थीं। 1970 के दशक में राजेश के बंगले पर लड़कियों के इतने खत आते थे कि उन खतों को पढ़ने के लिए अलग से एक शख्स रखना पड़ा था। इनमें कई खत खून से लिखे होते थे। राजेश खन्ना ने ‘कटी पतंग’, ‘अमर प्रेम’, ‘अपना देश’, ‘मेरे जीवन साथी’, ‘नमक हराम’, ‘आप की कसम’ जैसी तमाम सुपरहिट फिल्में दी थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1969 ही वो साल था, जिसने राजेश खन्ना को अपार सफलता दी और उन्हें सुपरस्टार बना दिया। इस साल उनकी शर्मिला टैगोर के साथ फिल्म ‘आराधना’ रिलीज हुई थी। ‘आराधना’ के बाद राजेश खन्ना ने हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी। लगातार 14 फिल्में हिट हुई थीं, जो रिकॉर्ड आज तक नहीं टूट पाया। लोग एक फिल्म देखकर उनकी दूसरी फिल्म देखने के लिए थिएटर में घुस जाया करते थे। सारे बड़े थिएटरों में 5-6 फिल्में तो सिर्फ राजेश खन्ना की ही चला करती थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजेश खन्ना को सभी प्यार से काका बुलाया करते थे। उन्होंने अपनी लाइफ में एक ऐड फिल्म की थी। लेकिन वह अपनी इस ऐड फिल्म को कभी देख ही नहीं पाए क्योंकि ऐड के शूट के कुछ ही दिनों बाद 18 जुलाई, 2012 को उनका निधन हो गया था। यह ऐड उनके करियर का पहला और आखिरी ऐड था। उनके आखिरी शब्द थे-पैकअप।

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