यूपी में शिक्षकों के 37 हजार पदों पर रुकी भर्ती, जाने पूरी खबर
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 37 हजार से अधिक पदों पर भर्ती रुक गई है। विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के कारण बेरोजगारों को नियुक्ति के लिए इंतजार करना होगा। जो भर्ती पहले से चल रही है उनमें संबंधित विभाग के अफसरों को चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेनी पड़ेगी। फिलहाल चुनावी साल में भी युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है। शिक्षकों की कौन-कौन सी भर्ती आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण रुकी है, पेश है रिपोर्ट…।
सबसे पहले बात करें परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 17 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने 24 दिसंबर को 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती के बाद खाली 17 हजार पदों पर नई भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन दो सप्ताह में भी विज्ञापन जारी नहीं हो सका। इससे पहले भी डॉ. सतीश द्विवेदी परिषदीय शिक्षकों के जिले के अंदर ट्रांसफर, पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रितों को क्लर्क के अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति देने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन कोई पूरी नहीं हो सकी।
69000 सहायक अध्यापक भर्ती के चौथे चरण में चयनित आरक्षित और विशेष आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की भर्ती भी फंस गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बुधवार को चौथी सूची जारी की थी। उसके बाद इनका जिला आवंटन करते हुए संबंधित जिलों में काउंसिलिंग कराई जानी है, लेकिन जिला आवंटन से पहले ही चुनाव की तारीखें घोषित हो गईं।
प्रदेश के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 कुल 1894 पदों पर भर्ती भी प्रभावित होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 17 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा का परिणाम 15 नवंबर को घोषित किया गया था, लेकिन डेढ़ महीना बीतने के बावजूद सफल अभ्यर्थियों से ऑनलाइन विकल्प लेते हुए चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी। अब आचार संहिता के दौरान एक कदम भी आगे बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के तकरीबन पांच हजार और प्रधानाचार्यों के लगभग दो हजार पदों पर भर्ती का विज्ञापन भी टल गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने दिसंबर में रिक्त पदों की सूचना ऑनलाइन मांगी थी। चयन बोर्ड को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के लगभग पांच हजार रिक्त पदों की सूचना प्राप्त हुई है।
जबकि प्रधानाचार्यों के दो हजार से अधिक खाली पदों पर चयन होगा। अक्तूबर 2019 तक चयन बोर्ड को प्रधानाचार्य के 1453 रिक्त पदों की सूचना मिली थी। उसके बाद से 500 से अधिक पद और खाली होने की जानकारी मिली है। इस बार प्रधानाचार्यों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से कराने की तैयारी चल रही है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत निर्मित 35 और अल्पसंख्यक विभाग की ओर से प्रधानमंत्री जन विकास योजना में निर्मित 49 कुल 84 राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 1947 पदों पर भर्ती के लिए भी युवाओं को इंतजार करना होगा।
विशेष सचिव शंभू कुमार ने 24 दिसंबर को इन पदों के सृजन का आदेश जारी किया था। माध्यमिक विभाग इन पदों पर नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा आयोग को सूचना भेजता उससे पहले चुनाव की तारीखें घोषित हो गईं।
राजकीय विद्यालयों में पहले से स्वीकृत ढाई हजार से अधिक पदों पर भी भर्ती फंस गई है। अपर निदेशक राजकीय अंजना गोयल ने संयुक्त शिक्षा निदेशकों से दिसंबर के पहले सप्ताह में रिक्त पदों की सूचना मांगी थी।
पूर्व में शिक्षा निदेशालय की ओर से लोक सेवा आयोग को अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) भेजा गया था। लेकिन कुछ बिंदुओं पर आपत्ति करते हुए आयोग ने निदेशालय को वापस भेज दिया। लिहाजा फिर से रिक्तियों को अपडेट करते हुए समेकित अधियाचन मांगा गया था। सूत्रों के अनुसार ढाई हजार से अधिक पदों की सूचना मिली थी लेकिन एस पर भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।