बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामले में बरी, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया को बुधवार को हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया। पूर्व पीएम खालिदा जिया को 2018 में जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में ढाका की एक अदालत ने दोषी ठहराया था। उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी और एक मिलियन टका का जुर्माना भी लगाया गया था।
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस एकेएम असदुज्जमां और सैयद इनायत हुसैन की पीठ ने जिया की अपील के आधार पर ढाका की अदालत के फैसले को पलट दिया। मामले में दो अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया। साल 2011 में भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट की खालिदा और तीन अन्य खालिदा के राजनीतिक सचिव जियाउल इस्लाम मुन्ना, असिस्टेंट प्राइवेट सेक्रेटरी (एपीएस) हैरिस और ढाका सिटी के मेयर सादिक के एपीएस मोनीरुल इस्लाम खान के खिलाफ तेजगांव पुलिस थाने में शक्तियों का दुरुपयोग करके ट्रस्ट के लिए अज्ञात स्रोतों से धन इकट्ठा करने का मामला दर्ज किया था।
इससे पहले खालिदा जिया को अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में विशेष अदालत ने पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आठ फरवरी 2018 को पुरानी ढाका सेंट्रल जेल में रखा गया था। 30 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने उनकी सजा बढ़ाकर 10 साल कर दी थी। बाद में उन्हें जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया। उनको सात साल की सजा सुनाई गई थी।
कोविड के दौरान अस्थायी रूप से की गईं थी रिहा
कोविड के दौरान शेख हसीना सरकार ने 776 दिन बाद खालिदा जिया को अस्थायी रूप से जेल से रिहा कर दिया था। 25 मार्च 2020 को उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया। इसमें शर्त रखी गई कि वह अपने गुलशन घर में रहेंगी और देश नहीं छोड़ेंगी। जिया पिछले पांच वर्षों से अपने घर में नजरबंद थीं और अगस्त में राष्ट्रीय की माफी के बाद वह अस्पताल से घर लौटीं। वह अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद सभी आरोपों से बरी हो गईं। खालिदा जिया मार्च 1991 से मार्च 1996 और फिर जून 2001 से अक्तूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।