ईरान और अमेरिका के बीच पहली बार ओमान में होगी वार्ता, परमाणु कार्यक्रम पर विशेष बातचीत की संभावना

ईरान में बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर इन दिनों मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ते ही जा रहे है। इसी बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने मंगलवार को कहा कि वह ट्रंप प्रशासन के दौरान पहली बार अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से ओमान में मुलाकात करेंगे। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकना है, क्योंकि मध्य पूर्व में तनाव अभी भी बना हुआ है।
मामले में जानकारी देते हुए अराघची ने एक टेलीविजन से बात करते हुए कहा कि ये वार्ता अप्रत्यक्ष रूप से होगी, जिसमें ओमानी मध्यस्थ दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर सकते हैं। बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार्ता को प्रत्यक्ष वार्ता कहा था, लेकिन ईरान ने इसे अप्रत्यक्ष बातचीत बताया है।
अमेरिका-इस्राइल ने ईरान को दी चेतावनी
हालांकि अमेरिका और इस्राइल ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम को लेकर सैन्य हमले की चेतावनी भी दी है, जबकि ईरान लगातार यह चेतावनी देता आ रहा है कि वे परमाणु बम बनाने की कोशिश कर सकते हैं। इसको लेकर अराघची ने कहा कि इन वार्ताओं का मुख्य लक्ष्य ईरानी लोगों के अधिकारों को बहाल करना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाना है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल ईरान की प्राथमिकता अप्रत्यक्ष वार्ता ही है, और इसे प्रत्यक्ष वार्ता में बदलने की कोई योजना नहीं है।
वार्ता की घोषणा के साथ ही ईरान की अर्थव्यवस्था में सुधार के संभावना
इस वार्ता की घोषणा के बाद, ईरान की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार देखने को मिला। ईरान की मुद्रा रियाल, जो पहले 1 मिलियन रियाल के निचले स्तर तक पहुंच गई थी, अब 990,000 रियाल पर आ गई है। इस खबर के बाद तेहरान स्टॉक एक्सचेंज में भी लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वार्ता को लेकर ट्रंप की लगातार कोशिश
गौरतलब है कि बीते शनिवार को बातचीत तब शुरू हुई जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को पत्र लिखकर तेहरान और वाशिंगटन के बीच सीधी बातचीत शुरू करने की कोशिश की। ट्रंप का यह कदम बातचीत को बढ़ावा देने का एक प्रयास था।