‘एआई से कार्टेलाइजेशन बढ़ने की आशंका, विकास के लिए निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा जरूरी’, सीसीआई प्रमुख का बयान
प्रतिस्पर्धा आयोग की प्रमुख रवनीत कौर ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से कार्टेलाइजेशन (गुटबंदी) बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमानित एल्गोरिदम से कार्टेलाइजेशन में मदद मिल सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीसीआई ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर फोकस कर रहा है, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिले और एल्गोरिदम संबंधी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बाजार पर नियंत्रण और गुटबंदी को बढ़ावा दे सकती है एआई
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), बाजार में गलत व्यावसायिक प्रथाओं पर रोक लगाने काम करता है। सीसीआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और प्रतिस्पर्धा पर भी अध्ययन शुरू किया है, जिसके 2025 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। इस अध्ययन में लॉजिस्टिक्स और एल्गोरिदम के क्षेत्र में एआई सहित विभिन्न तत्वों पर विचार किया जाएगा। सीसीआई प्रमुख ने कहा कि केवल एल्गोरिदम का उपयोग प्रतिस्पर्धा-विरोधी नहीं हो सकता है, लेकिन अगर एल्गोरिदम में हेरफेर किया जाता है, तो यह प्रतिस्पर्धा का मुद्दा है।
डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती कर रहा सीसीआई
सीसीआई प्रमुख रवनीत कौर ने कहा कि हमारा ध्यान ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर है जो नवाचार को बढ़ावा देते हुए एल्गोरिदमिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करे। सीसीआई नियामक नए युग के बाजारों से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। हाल ही में, नियामक की इन-हाउस डिजिटल मार्केट्स एंड डेटा यूनिट (DMDU) को एक पूर्ण डिजिटल मार्केट्स डिवीजन (DMD) में अपग्रेड किया गया, जिसका नेतृत्व एक सलाहकार करता है। नियामक प्रौद्योगिकी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और इस बीच सीसीआई प्रतिस्पर्धा का आकलन करने के लिए अधिक डोमेन विशेषज्ञों की भर्ती करने की भी योजना बना रहा है।