असफलता के डर ने अर्जुन कपूर पर किया बुरा असर, बोले- हालात बिगड़े तो लेनी पड़ी मेडिकल मदद

अभिनेता अर्जुन कपूर इस साल फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में नजर आए। फ्लॉप फिल्म में अपने किरदार की अर्जुन कपूर ने खुद भर-भरकर तारीफ की हैं। फिल्म की रिलीज से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक जारी है। अपने इस किरदार को वे अपने करियर का सफल पड़ाव मान रहे हैं। हाल ही में एक बार फिर वे अपने करियर पर बात करते नजर आए। इस दौरान अर्जुन कपूर ने करियर में आईं चुनौतियों पर चर्चा की।

मेडिकल हेल्प की पड़ी जरूरत
अर्जुन कपूर ने हाल ही मे अपने करियर के चुनौतीपूर्ण दौर पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने इतनी मुश्किलें झेलीं कि उन्हें मेडिकल हेल्प लेनी पड़ी। अभिनेता ने कहा कि एक वक्त उनके आसपास काफी ज्यादा कड़वाहट घुल गई थी। वे ऐसी स्थिति पर पहुंच गए, जहां उन्हें मेडिकल हेल्प लेनी पड़ गई। अर्जुन कपूर ने जीक्यू इंडिया से बातचीत में यह बात की।

फिल्में देखना कर दिया था बंद
अर्जुन कपूर ने कहा कि करियर मे असफलताओं का दबाव उनके सामने सबसे बड़ा डर बनकर खड़ा हुआ। उन्होंने कहा, ‘मैंने फिल्में देखना, सिनेमा देखना, थिएटर जाना बंद कर दिया। मैं दूसरों का अच्छा काम तक स्वीकार नहीं कर पा रहा था। मेरे अंदर एक तरह की कड़वाहट बढ़ने लगी। मुझे एहसास हुआ कि मुझे किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जो मेरी बात सुन सके’। एक्टर ने आगे कहा कि उनके आसपास के लोगों ने यह गौर किया कि उनके लिए बिस्तर से उठना तक मुश्किल हो रहा था।

बोले-असफलता से मिली आगे बढ़ने की सीख
अर्जुन कपूर ने कहा कि उन्होंने थैरेपी करवाने का फैसला किया। अर्जुन कपूर के मुताबिक, ‘थैरेपी सैशन के दौरान जब उन्होंने खुलकर बातें की तो उन्हें इससे काफी स्पष्टता मिली’। चिकित्सकों ने उन्हें अपने विचारों का सामना करने और व्यवहारिक दिशा में चलने का सुझाव दिया। उन्होंने अपना टालू रवैया बदला। बिस्तर से उठे और बाहर निकले। यह उनके लिए मुश्किल था। अर्जुन कपूर ने आगे कहा कि जिंदगी में भावनात्मक उतार-चढ़ाव के चलते वे काफी थक गए। हालांकि, उन्हें पता था कि कठिन समय बीत जाएगा। अर्जुन कपूर के मुताबिक, ‘असफलता से निपटना बहुत बुरा था, इसी दौर में उन्होंने यह भी सीखा कि आगे कैसे बढ़ा जाए। अर्जुन के वर्क फ्रंट की बात करें तो ‘एंट्री 2’ उनकी अगली फिल्म है।

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