पंजाब में धरने पर बैठे किसान, अब क्या करगी आम आदमी पार्टी

दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान आम आदमी पार्टी हमेशा किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करती रही है। अब कि जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है तो प्रशासन को किसानों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब के मुक्तसर में बीकेयू (एकता उग्राहां) के बैनर तले किसान जिला प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वे किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने के आरोप में कलेक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

किसान मांग कर रहे हैं कि पिंक बॉलवॉर्म की वजह से उनकी फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा दिया जाए और राजस्व अधिकारियों से झड़प के मामले में उनपर दर्ज एफआईआर वापस ली जाए। लांबी में हुए इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को कम से कम 9 किसान नेताओं और 150 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद किसानों ने लांबी में हाइवे जाम कर दिया।

लांबी केस में एक आरोपी गुरुपाश सिंह पाशा ने कहा, ‘हम नायब तहसीलदार से परेशान थे, और किसी से नहीं। हमने बाकी कर्मचारियों से वहां से जाने को कहा था लेकिन वे सब नहीं जा रहे थे। इसके बाद  पुलिस ने कहा कि कलेक्टर का आदेश है और लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। हम चाहते हैं कि एफआईआर रद की जाए और डीसी के खिलाफ कार्रवाई हो। हमारी फसलों का मुआवजा भी दिया जाए।

‘डीसी हरप्रीत सिंह सुदान ने किसानें से कहा है कि कुछ दिनों मे उन्हें मुआवजा मिल जाएगा। वहीं बीकेयू (एकता उग्राहां) चीफ जोगिंदर सिंह उग्राहां  और अन्य वरिष्ठ किसान नेताओं ने लांबी से AAP विधायक गुरमीत सिंह खुदियान से बात की। उधर रेवेन्यू अधिकारी भी 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने वाले हैं।

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