‘लोकसभा में नेहरू पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’, खरगे बोले- माफी मांगे पीएम मोदी

राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की तरफ से राज्यों को आरक्षण संबंधी पत्र के बारे में ‘तथ्यों को तोड़-मरोड़कर’ पेश कर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और उनसे माफी मांगने की मांग की।

भाजपा नेताओं पर पीएम की भक्ति करने का लगाया आरोप
उच्च सदन में ‘भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए खरगे ने भाजपा नेताओं पर प्रधानमंत्री मोदी की ‘भक्ति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि यह देश को तानाशाही की ओर ले जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी के भाषण का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि 1947-1952 के बीच कोई निर्वाचित सरकार नहीं थी और कांग्रेस ने अवैध रूप से संविधान में संशोधन किया था।

खरगे ने कहा कि पहला संशोधन संविधान सभा के सदस्यों की तरफ से किया गया था जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को आरक्षण प्रदान करने, शिक्षा, रोजगार से संबंधित समस्याओं को ठीक करने और जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए किया गया था।

पीएम को देश से माफी मांगनी चाहिए- खरगे
उन्होंने आगे कहा कि, मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर मद्रास राज्य के फैसले को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का दूसरा पहलू सांप्रदायिक दुष्प्रचार को रोकना था और सरदार पटेल ने 3 जुलाई, 1950 को नेहरू को लिखे पत्र में सुझाव दिया था कि संविधान संशोधन ही इस समस्या का एकमात्र उपाय है। इसलिए, नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखा। नेहरू को बदनाम करने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के बाद प्रधानमंत्री के भाषण में इसका उल्लेख किया गया है, जिसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। यह मेरी मांग है। यदि आप देश के सामने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और बदनाम करने का प्रयास करते हैं, तो आपको इस सदन और अन्य सदनों और इस देश के लोगों के सामने माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा आरक्षण के खिलाफ है- खरगे
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अतीत में जीते हैं, वर्तमान में नहीं और बेहतर होता कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने वाली वर्तमान उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते। उन्होंने कहा कि आरएसएस के तत्कालीन नेता संविधान के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, ‘1949 में पूरा देश जानता था कि आरएसएस के नेता संविधान का विरोध करते थे, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने 30 नवंबर, 1949 के संस्करण में इस बारे में लिखा था।’ खरगे ने कहा कि भाजपा आरक्षण के खिलाफ है और इसीलिए पार्टी जाति जनगणना के खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार भाजपा से ज्यादा तेजी से महिला आरक्षण लागू करेगी।

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