100 दिनों के लिए इंदौर में शुरू हुआ ‘ऊर्जा साक्षर सिटी’ अभियान, ये सात आदतें अपनाएंगे शहरवासी
सफाई में लगातार सात बार नंबर 1 बनने के बाद इंदौर ने अब शुद्ध आबोहवा का अभियान शुरू किया है। शुरुआत 100 दिन और 5 लाख लोगों के सहयोग से होगी। उद्देश्य-कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना। सौ दिनी इस अभियान के तहत हर घर में बिजली की खपत में 10 फीसदी की कमी लाने और 5 लाख लोगों को ऊर्जा साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ऊर्जा साक्षर सिटी बनाने के इस अभियान की शुरुआत 1 दिसंबर 2024 को हो गई है।
शनिवार को राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा,इंदौर के लोग जनभागीदारी में आगे हैं। क्लाइमेट मिशन को भी वे आत्मसात कर ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयास करेंगे। नगर निगम भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है। इसके लिए लगातार अभियान भी चलाए जा रहे हैं। हम कचरे की कमी, जल संरक्षण और स्थाई व्यवहार में परिवर्तन कर शहर में बिजली की खपत दस प्रतिशत तक कम करेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जगह-जगह नगर निगम ने चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं। डीजल से संचालित होने वाली बसें व कचरा वाहन धीरे-धीरे बंद किए जा रहे हैं। सात बार का खिताब जीतने के बाद इंदौर क्लाइमेट एक्शन की पहल इंदौरवासियों और नगर निगम के अथक समर्पण को दर्शाती है। यह क्लाइमेट मिशन एक विरासत का निर्माण करने जा रहा है। जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति इंदौर की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रहे आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने कहा ‘हम रिंकल्स अच्छे हैं’, अभियान चलाएंगे, ताकि लोग बिना स्त्री या आयरन किए कपड़े पहन कर खुद को गौरवान्वित समझें। कई बड़े संस्थान इस अभियान से जुड़कर कार्बन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करेंगे। उन्होंने कहा कि एक जोड़ी कपड़े प्रेस करने पर 200 ग्राम कार्बन ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। सोलंकी ने कहा कि इंदौर में एक दिसंबर से 10 मार्च तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान एनर्जी स्वराज यात्रा शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाएगी।
सोलंकी ने कहा, इस अभियान के तहत दैनिक जीवन में बिजली का कम से कम उपयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। जिससे अगले 100 दिनों में शहर की कुल विद्युत खपत 10 फीसदी कम की जा सकेगी। वहीं 7 दिन 7 आदतों को अपनाने के लिए कहा जाएगा। जिसमें बिना प्रेस किए हुए कपड़े पहनना, हर चीज को पकाकर खाने की बजाय कुछ कच्चा खाना, हमेशा गाड़ी का उपयोग छोड़कर एक दिन पैदल चलना या साइकिल चलाने के लिए लोगों को सलाह दी जाएगी। इसके अलावा हर बार नई चीज खरीदने की बजाय पुरानी चीजों को रिसाइकल करके उपयोग करना जैसे प्रयासों से इंदौर के क्लाइमेट मिशन को सफल बनाया जाएगा।
सोलंकी ने बताया कि, इस दौरान हम 7 दिन-7 आदतें कार्यक्रम से आम लोगों को प्रोत्साहन के लिए शुरू करेंगे। इसमें शहर के लोगों को ऊर्जा खपत और कार्बन उत्सर्जन के बीच संबंध के बारे में शिक्षित करना। बिजली उपयोग कम करने जैसी स्थायी आदतों के जरिए बिजली खपत में 7-10 प्रतिशत की कमी लाना शामिल है। इसमें कपड़े में सिलवटें हैं तो क्या हुआ- इस्त्री करना छोड़ा, चूल्हा छोड़ा – कच्चा खाया, सिंगल-यूज को छोड़ा- पुन: उपयोग को अपनाया, बिजली की खपत में कम करना, गाड़ी का उपयोग छोड़ा- पैदल चले, साइकिल चलाएं या साझा करें, सस्टेनेबल बनें, नई चीजों को खरीदने की बजाय पुन: उपयोग और रीसाइकलिंग अपनाएं।