चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की जांच शुरू की, कांग्रेस-लेफ्ट ने उठाया था मुद्दा
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में दिए गए भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी (माकपा) ने पीएम के बयान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इसमें पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को मुस्लिमों को बांट देगी।
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पीएम के बयान को लेकर दर्ज शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आयोग से 140 पेज में 17 शिकायतें की हैं। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। पार्टी ने तर्क दिया है कि पीएम मोदी के विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी और 15 अन्य विषयों पर शिकायतें कीं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल शामिल थे।
दूसरी तरफ माकपा ने सोमवार को कहा कि उसने राजस्थान में संपत्ति के वितरण संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने के साथ दिल्ली पुलिस प्रमुख को एक शिकायत भेजी थी। इस मामले में एक चिट्ठी दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भेजी गई थी।
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर घुसपैठियों और ज्यादा बच्चा पैदा करने वालों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है।