देहरादून में प्रचार के दौरान प्रत्याशी और उनके समर्थक दिखाई दिए कोरोना के प्रति लापरवाह, नहीं पहन रहे मास्क
विधानसभा चुनावों के प्रचार के आखिरी दिन राज्य में राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने कोविड मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई। किसी भी दल की रैली, जनसभा, बैठक या डोर टु डोर प्रचार रहा हो, हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और भीड़ के नियमों का पालन नहीं हुआ। चुनाव आयोग के नियमों की जमकर अवहेलना की गई। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कहीं भी कोई खास सख्ती नहीं बरती गई।
देहरादून में प्रचार के दौरान प्रत्याशी और उनके समर्थक कोरोना के प्रति लापरवाह दिखाई दिए। प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने प्रचार के दौरान मास्क बिल्कुल नहीं पहना, न ही सोशल डिस्टेंस का कोई पालन किया गया। शनिवार को दून में रायपुर, कैंट, मसूरी, धर्मपुर, राजपुर रोड आदि में प्रचार के दौरान ऐसा दिखाई पड़ा। रायपुर स्पोर्टस कॉलेज में पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दौरान भी कई अफसर और कर्मचारी बिना मास्क दिखे।
उत्तरकाशी जिले में भी कोविड मानकों का जमकर उल्लंघन किया गया। प्रचार को निकले नेता बिना मास्क के घूमते नजर आए और रैली, जनसभा में सोशल डिस्टेंसिंग को तार तार करती हुई। जबदरस्त भीड़ नजर आई। शनिवार को उत्तरकाशी में कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी की रैली-जनसभाएं हुई, लेकिन कहीं भी कोविड नियमों का पालन नहीं किया गया।
हरिद्वार में आयोजित हुई चुनावी जनसभाओं में कहीं भी कोविड नियमों का पालन नहीं दिखाई दिया। अधिकांश जगह विभिन्न दलों और निर्दलीय प्रत्याशी बिना मास्क के दिखे और हर जगह भीड़ में नियमों की भी धज्जियां उड़ी। शनिवार को रोड शो के दौरान भी बड़े स्तर पर भीड़ जुटी और लोग कोविड नियमों को लेकर बेपरवाह बने रहे। बड़े स्तर पर कोविड नियमों की अवहेलना होने के बावजूद पिछले एक महीने में हरिद्वार में सिर्फ 239 लोगों के चालान किए गए। जबकि 3881 लोगों का सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन में चालान किया गया।
कुमाऊं क्षेत्र की चुनावी रैलियों व अन्य प्रचार संबंधी आयोजनों में भी मानकों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। रैलियों में आ रहे 20 प्रतिशत लोग भी मास्क नहीं पहन रहे हैं। जबकि नेताओं व लोगों के चोहरों पर मास्क भी नहीं दिखाई दे रहे हैं। चुनावी सभा में मैदान की क्षमता का केवल 30 प्रतिशत ही भीड़ जुटाई जा सकती है लेकिन भीड़ इससे कई अधिक जुटी।