एनसीजीजी के तहत 1500 प्रशासनिक अधिकारियों का होगा प्रशिक्षण, कार्यक्रम के रोडमैप पर हुई चर्चा
भारत में द्वीपीय राष्ट्र के 1,500 प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय सुशासन केंद्र और श्रीलंका के विकास प्रशासन संस्थान के बीच सहयोग के लिए रोडमैप पर चर्चा की जा रही है। कार्मिक मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, इस यात्रा में सार्थक विचार-विमर्श और रणनीतिक बैठकें हुईं और इसने श्रीलंका के वरिष्ठ सार्वजनिक अधिकारियों के लिए द्विपक्षीय सहयोग और क्षमता निर्माण समर्थन बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया।
एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी श्रीनिवास के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 7-9 जुलाई को श्रीलंका का दौरा किया। गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत में द्वीपीय राष्ट्र के 1,500 प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) और श्रीलंका के विकास प्रशासन संस्थान के बीच सहयोग के लिए रोडमैप पर चर्चा की जा रही है। बयान में बताया गया कि दोनों पक्षों ने 2024-2029 के लिए भारत में 1,500 श्रीलंका प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) और श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान के बीच सहयोग के रोडमैप पर चर्चा की। जिसमें संकाय विकास कार्यक्रम और जिला कलेक्टर स्तर की बातचीत शामिल है।
वहीं कोलंबो की दो दिवसीय यात्रा में 9 जुलाई को श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश चंद्र रूपसिंघे गुणवर्धने से डीएआरपीजी ने भेंट की। उन्होंने बताया कि बैठक में मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और श्रीलंका के चल रहे शासन सुधारों के प्रति पड़ोसी पहले नीति के तहत भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता की बात कही। यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के बीच सहयोग के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति के सचिव ईएमएसबी एकनायके, प्रधानमंत्री के सचिव अनुरा दिसानायके, लोक प्रशासन और गृह मंत्रालय, प्रांतीय परिषद और स्थानीय सरकार के सचिव प्रदीप यासरथने के साथ भी बैठक कीं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान (एसएलआईडीए) का दौरा किया। साथ ही उसके महानिदेशक नालका कालूवे और वरिष्ठ संकाय के साथ बातचीत की। बयान के अनुसार एनसीजीजी के पूर्व छात्रों के साथ भी बातचीत की गई, साथ ही श्रीलंका प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को अपनाने में सभी प्रथाओं को साझा किया गया।
बता दें कि पहले नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने श्रीलंका के वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों के लिए तीन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए थे। एनसीजीजी ने अब तक श्रीलंका के कुल 95 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है। अधिकारियों के अनुसार “इस पहल से उच्च स्तर के सुशासन के साथ सार्वजनिक सेवा की दक्षता पर गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।”
प्रतिनिधिमंडल ने जन्म, विवाह और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी करने वाले रजिस्ट्रार डिवीजन के कामकाज का निरीक्षण करने के लिए कोलंबो जिला सचिवालय और थिंबिरिगसया डिवीजनल सचिवालय का दौरा किया। यात्रा में वरिष्ठ आधिकारिक गणमान्य व्यक्तियों के साथ कई अनौपचारिक बातचीत भी हुई। प्रतिनिधिमंडल में डीएआरपीजी के संयुक्त सचिव एन बी एस राजपूत, एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर ए पी सिंह, एनसीजीजी की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और सलाहकार प्रिस्का मैथ्यू और एनसीजीजी के रिसर्च एसोसिएट मुकेश भंडारी शामिल थे।