चुनाव से पहले ट्रंप के सार्वजनिक बयानों पर रोक लगाने की मांग, अभियोजक ने लगाए झूठे दावे करने के आरोप
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों की वजह से परेशानी में घिरते जा रहे हैं। उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। संघीय अभियोजकों ने शुक्रवार को गोपनीय दस्तावेजों के मामले की देखरेख कर रहे न्यायाधीश से ट्रंप को सार्वजनिक बयान देने से रोकने के लिए कहा। उनका कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति के बयान अभियोजन पक्ष में भाग लेने वाले कानून प्रवर्तन एजेंटों के लिए खतरा पैदा करते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में दावा किया था कि अगस्त 2022 में उनके मार-ए-लागो एस्टेट की तलाशी लेने वाले एफबीआई एजेंट उन्हें गोली मारना चाहते थे। एजेंट उन्हें मारने और उनके परिवार को खतरे में डालने के लिए पूरी तरह तैयार थे। इस दावे के बाद अमेरिकी जिला न्यायाधीश एलेन कैनन से ट्रंप को बयान देने से रोकने का अनुरोध किया गया।
आरोप- प्रत्यारोप
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अदालती दस्तावेजों का हवाला दे रहे थे। उनका कहना था कि एफबीआई ने तलाशी के दौरान मानक बल प्रयोग नीति का पालन किया। हालांकि, अभियोजकों ने कहा कि यह नीति नियमित है और इसका उद्देश्य तलाशी के दौरान बल प्रयोग को सीमित करना है। तलाशी जानबूझकर तब की गई जब ट्रंप और उनका परिवार बाहर थे और इसे सीक्रेट सर्विस के साथ समन्वयित किया गया था। कोई बल प्रयोग नहीं किया गया।
धमकियों, हिंसा और उत्पीड़न के जोखिम के बावजूद…
विशेष वकील जैक स्मिथ की टीम के अभियोजकों ने शुक्रवार देर रात अदालती दस्तावेजों में कहा कि ट्रंप के बयानों में यह झूठा दावा किया गया है कि संघीय एजेंट उनकी हत्या की साजिश में शामिल थे, जो कानून प्रवर्तन की पोल खोलता है। अभियोजकों ने कहा कि उनमें से कुछ को धमकियों, हिंसा और उत्पीड़न के जोखिम के बावजूद उनके मुकदमे में गवाह के रूप में बुलाया जाएगा।
तथ्यों को बार-बार गलत तरीके से पेश कर रहे
अभियोजकों ने कैनन से कहा, ट्रंप द्वारा तथ्यों को बार-बार गलत तरीके से प्रस्तुत करने से मामले की जांच और अभियोजन में शामिल कानून प्रवर्तन अधिकारियों को खतरा पैदा हो गया है और इन कार्यवाहियों की अखंडता को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के बयानों पर रोक लगाना चाहिए। इससे वैध भाषण पर कोई असर नहीं पड़ेगा।