उत्तराखंड चुनाव : लैंसडाउन सीट से कांग्रेस को उम्मीदवार तय करने में हो रही परेशानी, जाने क्या है समस्या
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 में पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में चार विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी फाइनल कर दिए। जबकि लैंसडाउन और चौबट्टाखाल सीट पर चेहरे अभी फानइल नहीं हो सके।
जिले की चारों सीटों पर पार्टी ने अपने पुराने ही चेहरों को तवज्जो दिया है। यानी पार्टी ने चारों सीटों पर एक ही फार्मूला सिटिंग से ही टिकट का बंटरवारा कर दिया और एक बार फिर प्रत्याशियों को उन्हीं सीटों पर दुबारा मौका दिया है।
2017 के चुनावों में पौड़ी सीट से नवल किशोर पार्टी के चेहरा थे जबकि कोटद्वार से पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, यमकेश्वर से शैलेंद्र रावत तो श्रीनगर विधानसभा से गणेश गोदियाल। चारों नेताओं को इस बार भी अपनी-अपनी सीटों पर चुनावी मैदान में उतारा गया है। वहीं जिले की हॉट सीट चौबट्टाखाल और लैंसडौंन पर प्रत्याशी पहली सूची में तय नहीं हो सके। दोनों ही सीटों पर खींचतान जारी है। लैंसडाउन में प्रत्याशी तय नहीं हो पाने के पीछे इस बीच बदले राजनीतिक समीकरण माने जा रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की वजह से पार्टी को लैंसडौंन सीट पर अपना प्रत्याशी उतराने में और कसरत करनी पड़ रही है। डा. हरक सिंह बीजेपी में रहते हुए भी अपनी बहू अनुकृति के लिए इसी सीट से टिकट चाह रहे थे।अब वह कांग्रेस में है लिहाजा यहां भी अब कांग्रेस हाईकमान में मंथन शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इस सीट पर या तो हरक सिंह ही मैदान मे उतरेंगे या फिर उनकी बहू को इसी सीट पर पार्टी टिकट दे दे। यदि ऐसा हुआ तो फिर हरक कहां से चुनाव लडे़ंगे इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है।
लैंसडाउन सीट पर अनुकृति के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बाद हालांकि कांग्रेस के दावेदार भी सहमे हुए हैं। कांग्रेस के पहले से दावेदारों को लेकर भी कांग्रेस को जूझना पड़ सकता है। हालांकि कांग्रेस की पहली लिस्ट में यशपाल आर्य और उनके बेटे दोनों को ही पार्टी ने टिकट दिया है, वह भी बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए हैं। ऐसे में ये भी हो सकता है हरक और उनकी बहू ,दोनों को ही पार्टी मैदान में उतार दे। वहीं जिले की हॉट सीट चौबट्टाखाल पर भी कांग्रेस की ओर से मंथन जारी है।
इस सीट पर खींचतान के कारण टिकट फाइनल नहीं हो सका। हालांकि चर्चाएं तो हरक सिंह की भी हैं। इस सीट पर बीता चुनाव लड़ चुके राजपाल बिष्ट और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी ने मजबूती से दावेदारी की है। राजपाल बिष्ट चौबट्टाखाल सीट पर दो बार चुनाव लड़ चुके हैं । जबकि केशर सिंह नेगी इस बार इसी सीट पर सक्रिय हो गए हैं। पहली सूची में पार्टी ने अपने चेहरे जिले की चारों सीटों पर नहीं बदले है। लेकिन लैंसडौंन में इस बार चेहरा बदलना तय माना जा रहा है। जबकि चौबट्टाखाल सीट पर चल रही खींचतान राह में रोड़ा बनी है। दूसरी तरफ भाजपा से भारी भरकम सतपाल महाराज का मैदान में होना भी समीकरण बदल रहा है।