सीएम योगी ने आठ लाख पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा पत्र, वजह जानकर चौक जाएंगे आप भी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आठ लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत पत्र लिखा है। इसमें दीपावली पर्व की शुभकमानाएं देने के साथ ही क्षेत्र के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आह्वान किया गया है।
प्रदेश में 7.31 लाख से अधिक ग्राम पंचायत सदस्य व 75 हजार से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं लेकिन, अविश्वास प्रस्ताव की नौबत न आए तो न तो इन्हें स्थानीय पंचायतें खास महत्व देती हैं और न ही सरकार इन्हें याद करती हैं। विशेष अवसरों पर मुख्यमंत्री द्वारा भी ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों व जिला पंचायत सदस्यों को ही पत्र लिखा जाता रहा है।
खास बात ये है कि मुख्यमंत्री ने यह पत्र प्रत्येक सदस्य को उसके नाम व पते के साथ लिखा है। यही नहीं यह पत्र प्रत्येक क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत सदस्य को दीपावली से पूर्व पहुंच जाए, इसकी पुख्ता के निर्देश दिए गए हैं।
निदेशक पंचायतीराज अनुज कुमार झा ने बताया कि प्रदेश के ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पत्र उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला पंचायतराज अधिकारियों को दी गई है।
उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यमंत्री के संदेश के लिफाफे संबंधित ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य को ही दिए जाएं। संदेश व लिफाफों का दुरुपयोग न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के संदेश बुधवार तक प्रत्येक दशा में संबंधित सदस्यों को प्राप्त करा दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत सदस्यों से कहा है कि पंचायतीराज व्यवस्था में ग्राम पंचायतें गांवों के विकास की सबसे महत्वपूर्ण इकाई हैं। आप न सिर्फ अपनी गांव की मूलभूत समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं बल्कि इन समस्याओं के स्थायी निराकरण व गांव के विकास की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है।
इसी तरह क्षेत्र पंचायतों को ग्राम पंचायत व जिला पंचायत के बीच कड़ी बताते हुए क्षेत्र पंचायत सदस्यों को विकास खंड के अंदर पड़ने वाली ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
जिसमें सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्रामीण आवास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, स्वच्छ भारत मिशन व मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए आपके ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत में विकास के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। ग्रामीण सचिवालय की स्थापना व बीसी सखी जैसी पहल की गई हैं।