पीड़ित परिवार से आज मिलेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ, बवाल में चली गई थी एक शख्स की जान
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच हिंसा के पीड़ित परिवार से मंगलवार को मुलाकात करेंगे। मृतक रामगोपाल का परिवार मुख्यमंत्री से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हो गया है। विधायक महसी सुरेश्वर सिंह पुलिस और पीएसी टीम के साथ गांव पहुंचे थे। कुछ देर पहले परिवार विधायक के साथ लखनऊ रवाना हो गया है।
बता दें कि हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी, जिसके बाद सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता चला गया और इसकी चपेट में ग्रामीण इलाके भी आ गए। योगी मंगलवार को पीड़ित परिवार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेंगे।
हिंसा की आग में जला बहराइच
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और युवक की हत्या के बाद सोमवार को बहराइच जल उठा। शव गांव पहुंचने पर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। आक्रोशित भीड़ ने शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लाठी-डंडे लेकर कस्बे में घुसे लोगों ने बाइक के दो शोरूम, एक अस्पताल को आग के हवाले कर दिया। दूसरे समुदाय के गांव में जाकर दो घरों को फूंक दिया। डीएम, एसपी समेत आसपास के जिलों की फोर्स पहुंची। पीएसी के जवान भी पहुंचे, लेकिन दोपहर तक हालात काबू नहीं कर पाए।
तब एडीजी एलओ व एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और गृह सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बहराइच पहुंचकर मोर्चा संभाला। आंसू गैस के गोले दागकर और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा गया। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे। अधिकारियों को निर्देश दिया कि सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला कोई भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए।
प्रतिमा विसर्जन को लेकर शुरू हुआ था विवाद
महराजगंज कस्बे में रविवार को विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दूसरे समुदाय की आपत्ति के बाद शुरू हुए विवाद में रामगोपाल मिश्रा (24) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सोमवार सुबह रामगोपाल का शव घर पहुंचा, तो अंतिम यात्रा में 5 से 6 हजार लोग शामिल हुए। लाठी-डंडों के साथ आक्रोश से भरी भीड़ शव लेकर महसी तहसील पहुंची व शव सड़क पर रख प्रदर्शन शुरू कर दिया।
भीड़ के हाथ जो लगा, उसे आग के हवाले कर दिया
रामगोपाल की अंतिम यात्रा में जुटे लोगों में से करीब दो हजार लोग कस्बे और कबड़ियन पुरवा में घुस गए और तोड़फोड़-आगजनी की। कुछ घंटे तक पूरा इलाका भीड़ के कब्जे में रहा। भीड़ के हाथ जो लगा, उसे तोड़ दिया या आग के हवाले कर दिया। पुलिस लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर उनको खदेड़ रही थी, लेकिन लोग फिर जुटते रहे। पुलिस की और कंपनियों और उच्चाधिकारी के पहुंचने के बाद बवाल कुछ शांत हुआ।