असाधारण बहादुरी के लिए कैप्टन अविलाश और उनके चालक दल को मिलेगा सम्मान, बचाव मिशन को दिया था अंजाम

लंदन:  कैप्टन अविलाश रावत और एक तेल टैंकर के चालक दल के सदस्यों को 2024 के अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) पुरस्कार से सम्मानित जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें लाल सागर में बचाव मिशन के दौरान असाधारण बहादुरी दिखाने के लिए दिया जाएगा।

ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों ने लाल सागर में उनके जहाज ‘मार्लिन लुआंडा’ पर एंटी-शिप मिसाइल से हमला किया था। इस दौरान जहाज में आग लग गई थी। इसके बाद कैप्टन रावत और उनके चालक दल ने मजबूत संकल्प और धैर्य के साथ अग्निशमन और क्षति को रोकने के लिए मिलकर प्रयास किए। जिसके लिए उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित जाएगा।

आईएनएस विशाखापत्तनम के चालक दल को भी सम्मान
कैप्टन बृजेश नांबियार और भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम के चालक दल को भी संकट के समय तेल टैंकर को समर्थन देने के लिए एक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित जाएगा। इसमें लिखा गया, 26 जनवरी 2024 की शाम मार्लिन लुआंडा 84,147 टन नेफ्था (ज्वलनशील तरल हाइड्रोकार्बन मिश्रण) ले जा रहा था और स्वेज से इंचियोन के रास्ते पर था। तभी इस जहाज पर एंटी-शिप मिसाइल से हमला किया गया। इसके बाद एक कार्गों टैंक में विस्फोट हुआ और आग लग गई। जिससे पांच मीटर से ज्यादा की दूरी तक आग की लपटें फैलने से खतरा पैदा हो गया था।

मिसाइल हमले के बाद कैप्टन रावत-चालक दल ने दिखाई बहादुरी
जहाज को नुकसान के बावजूद कैप्टन अविलाश रावत ने तेजी से अग्निशमन के प्रयासों को अंजाम दिया और चालक दल की सुरक्षा भी सुनिश्चित की। इस दौरान उन्होंने जहाज की नौवहन क्षमता को भी बनाए रखा। स्टारबोर्ड लाइफबोट के नष्ट हो जाने के बाद चालक दल के सदस्य तैयार होकर पोर्ट लाइफबोट स्टेशन पर इकट्ठा हुए। अत्यधिक खतरे के बावजूद रावत और उनके चालक दल ने फिक्स्ड फोम मॉनिटर और पोर्टेबल होसेस का इस्तेमाल करके आग पर काबू पाया।

कैप्टन रावत और उनका चालक दल के सदस्य समुद्री सुरक्षा समिति के 109वें सत्र के दौरान 2 दिसंबर को लंदन में अपने पुरस्कार को प्राप्त करेंगे। लंदन में आईएमओ मुख्यालय में वार्षिक समारोह आयोजित किया जाएगा।

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