क्या ज्यादा चीनी खाने से जा सकती है आंखों की रोशनी? विशेषज्ञों की इस सलाह पर दें ध्यान

आहार में जिन दो चीजों की अधिकता को सेहत के लिए सबसे हानिकारक माना जाता रहा है वह है चीनी और नमक। ज्यादा नमक वाली चीजों के कारण ब्लड प्रेशर और हार्ट से संबंधित समस्याओं का जोखिम रहता है, वहीं चीनी के कारण डायबिटीज सहित कई अन्य क्रोनिक बीमारियों का खतरा रहता है। पर क्या आप जानते हैं कि ज्यादा चीनी वाली चीजें खाने से आपकी आंखों पर भी नकारात्मक असर हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, चीनी खाने से डायबिटीज का जोखिम होता है, इस बारे में खूब चर्चा भी की जाती रही है। इससे आंखों जैसे संवेदनशील अंग भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं, इसपर ध्यान नहीं दिया जाता है। इतना ही नहीं मीठी चीजों के अधिक सेवन के कारण आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन हो सकता है हानिकारक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हम में से अधिकतर लोग रोजाना तय मात्रा से अधिक चीनी का सेवन कर रहे हैं। औसत अमेरिकी प्रति वर्ष 61 पाउंड (27 किलोग्राम) तक प्रोसेस्ड चीनी का सेवन कर रहा है। अधिक मात्रा में चीनी आपके समग्र स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, जिसमें आपकी आंखें भी शामिल हैं। अध्ययनों में भी चीनी को कई गंभीर नेत्र स्थितियों और बीमारियों से जोड़ा गया है।

चीनी के अधिक सेवन के कारण ब्लड शुगर बढ़ने लगता है जो आंखों की तंत्रिकाओं को क्षति पहुंचाने के साथ इंफ्लामेशन के खतरे को भी बढ़ा देती है जिससे आंखों से संबंधित कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

ज्यादा चीनी से डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा

कई अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि ज्यादा चीनी (सफेद चीनी, मीठे पेय-खाद्य पदार्थ) समय के साथ डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा बढ़ा देती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी टाइप-1 और टाइप-2 दोनों ही डायबिटीज वाले लोगों में होने वाली जटिलता है। अगर इसका इलाज न किया जाए या शुगर का स्तर अक्सर अनियंत्रित बना रहता है तो यह आंखों की रोशनी कम होना या अंधेपन का कारण बन सकती है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी में खून में शुगर का स्तर बढ़ने के कारण रेटिना में नाज़ुक छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने लगता है। कुछ लोगों में इसके कारण आंख के अंदर रक्तस्राव और निशान भी पड़ जाते हैं।

ग्लूकोमा के हो सकते हैं शिकार

ज्यादा चीनी खाने वालों में आंखों से संबंधित एक अन्य बीमारी- ग्लूकोमा का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। उच्च रक्त शर्करा और इंसुलिन के अनियंत्रित स्तर के कारण आंखों की रक्त वाहिकाएं संकरी हो सकती हैं और जिससे तरल पदार्थ का निर्माण भी होने लगता है। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो इसके परिणामस्वरूप ग्लूकोमा होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

ग्लूकोमा की स्थिति में आंखों में बनने वाला तरल पदार्थ अंदरूनी हिस्से में दबाव बढ़ाने लगाता है, जिससे ऑप्टिक तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भले ही आपको डायबिटीज हो या न हो, आहार में चीनी की मात्रा को कंट्रोल में रखना जरूरी है। चीनी के अलावा मीठे पेय, कोल्ड ड्रिंक्स और स्पोर्ट्स ड्रिंक के कारण भी शुगर का स्तर बढ़ने और आंखों की समस्याओं का जोखिम रहता है। वयस्कों को प्रतिदिन 25-30 ग्राम से अधिक मात्रा में चीनी या अन्य मीठी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। इसके साथ सालाना आंखों की जांच कराते रहना जरूरी है जिससे आंखों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या से सुरक्षित रहा जा सके।

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