चुनाव बाद हिंसा का शिकार हुए लोगों से मिली BJP की केंद्रीय टीम, झेलना पड़ा पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा की जांच के लिए भाजपा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाया गया है। यह फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (भाजपा की केंद्रीय टीम) ने दक्षिण 24 परगना में चुनाव के बाद हुए हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। इस कमेटी में सांसद अग्निमित्रा पॉल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब कुमार देब शामिल हैं। इस मामले पर रविशंकर प्रसाद ने ममता बनर्जी की सरकार को घेरा।

भाजपा की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उस समय सहानुभूति नहीं दिखाई, जब उन्हें अपने घरों से विस्थापित कर कहीं और आश्रय दिया गया था। इसे लेकर टीएमसी के नेता शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने ही नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पार्टी के भीतर असंतोष को दर्शाता है।

रविशंकर प्रसाद ने ममता सरकार को घेरा
पीड़ितों से मुलाकात के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बाद की। भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी सरकार) की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हर तरफ एक ही कहानी है। अगर आप भाजपा के लिए काम करते हैं तो आपको पीटा जाएगा। अगर आप यहां आएंगे तो आपकी पत्नी और परिवार को हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। ममता जी यह आपकी सरकार है। यहां महिलाओं को पीटा जाता है। यह बहुत गंभीर मामला है। ममता जी आपको शर्म आनी चाहिए। एक चीज, जो मैं पुलिस को कहना चाहता हूं, हमारे कार्यकर्ताओं ने आपके सामने अपनी दुर्दशा व्यक्त की। अगर पुलिस ने उनके खिलाफ एक भी फर्जी मामला दर्ज किया तो ये गलत है। हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर पूरी गंभीरता से लेंगे।”

रविशंकर ने कहा, “वह (पीड़िता) दलित समुदाय से तालुक रखती है। उसकी गलती ये थी कि उसका बेटा भाजपा की तरफ से पंचायत चुनाव लड़ रहा था। उसके दुकान को तोड़ दिया गया। ममता बनर्जी को कुछ तो शर्म करनी चाहिए। उन्हें संविधान के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी (पीड़ित) दुकान की मरम्मत कराई जाए जिसे उनके गुंडों ने तोड़ दिया।”

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