अन्ना यूनिवर्सिटी मामले में BJP महिला सदस्यों ने खोला मोर्चा, पुलिस ने हिरासत में लेकर नजरबंद किया
चेन्नई: चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय कैंपस में एक छात्रा से कथित यौन उत्पीड़न का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। भाजपा महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को रैली निकालने की कोशिश की। मगर बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और कुछ को घर पर नजरबंदी में रखा। दरअसल, ये कार्यकर्ता छात्रा के लिए न्याय दिलाने की मांग करते हुए मदुरै से चेन्नई तक रैली निकालने की कोशिश कर रहे थे।
इन लोगों को लिया हिरासत में
भाजपा नेता खुशबु सुंदर, तमिलनाडु महिला मोर्चा अध्यक्ष उमरथी राजन, भाजपा विधायक डॉ. सी. सरस्वती और कई महिला कार्यकर्ताओं ने जब विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की कोशिश की तो उन्हें चेन्नई में हिरासत में ले लिया गया। खुशबू और उमरथी राजन ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि उन्हें शांति से पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए यात्रा निकालने से रोका गया।
डीएमके पर हमलावर हुई भाजपा
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर तमिलनाडु सरकार और डीएमके की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में संविधान और लोकतंत्र के तथाकथित रक्षकों यानी डीएमके के शासन में यही स्थिति है। अन्ना विश्वविद्यालय में हुई घटना के विरोध में मदुरै-चेन्नई पदयात्रा को रोकने के लिए भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया।’
ऐसे किया गया विरोध
मदुरै में भाजपा महिला कार्यकर्ताओं ने छात्रा के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। एक महिला कार्यकर्ता ने कन्नगी, जो तमिल महाकाव्य ‘सिलपथिकराम’ की केंद्रीय पात्र हैं, के रूप में सजकर छात्रा के लिए न्याय की मांग की। 19 वर्षीय छात्रा के साथ क्रिसमस ईव पर अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न किया गया था। वहीं, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पारंपरिक लकड़ी के सिलबट्टे का इस्तेमाल करके लाल मिर्च पिसी। इसके अलावा, इस मामले की आग की लपटें सोशल मीडिया पर भी पहुंच चुकी हैं।
भाजपा के राज्य अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा, ‘हमारी बहादुर बहनों ने मदुरै में एकत्रित होकर डीएमके सरकार द्वारा हमारी आवाज को दबाने की तमाम कोशिशों के बावजूद न्याय की मांग की। डीएमके सरकार तमिलनाडु में अपनी तानाशाही को लागू करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को दबाने के सभी प्रयास करेगी, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता हमेशा उत्पीड़न से उठकर लोगों के लिए लड़ेंगे।’
‘अपराधी खुले आम घूम रहे’
उन्होंने महिलाओं नेताओं की नजरबंद की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में इस डीएमके सरकार के तहत अपराधी और यौन अपराधी स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता की आवाज बनने के कारण लगातार उत्पीड़ित किया जा रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को अपनी तानाशाही प्रवृत्तियों के लिए शर्म आनी चाहिए और उन्हें इस मामले को सीबीआई को सौंपना चाहिए या एक निष्पक्ष जांच के लिए एक न्यायधीश नियुक्त करना चाहिए।’
भाजपा के राष्ट्रीय सह-संयोजक डॉ. पौंगुलेती सुधाकर रेड्डी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और कहा कि यह शांतिपूर्ण विरोध को दबाने का यह स्पष्ट उदाहरण डीएमके सरकार की विफलता को दर्शाता है और यह बार-बार अपराधियों को बचाने का प्रयास है।