भाजपा को अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में मिलने वाली है बड़ी मजबूती , बीएसपी और कांग्रेस को झटका

हाल ही में विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद भाजपा को अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भी मजबूती मिलने वाली है। प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटें खाली हैं और इन पर होने वाले चुनाव में वह 8 पर जीत हासिल कर सकती है। इस चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान बीएसपी और कांग्रेस को होने वाला है, दोनों ही दल एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं हैं।

सूबे से कुल 31 सदस्य राज्यसभा के लिए चुने जाते हैं। आगामी जून से अगस्त के बीच प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटें रिक्त हो रही हैं। इन 11 सीटों में जिन नेताओं का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें भाजपा के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जयप्रकाश निषाद शामिल हैं।

इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह और विशंभर प्रसाद निषाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ तथा कांग्रेस के कपिल सिब्बल शामिल हैं। चुनाव आयोग ने देश की कुल 57 राज्यसभा सीटों के लिए जो कार्यक्रम जारी किया है, उसके मुताबिक 24 मई को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और मतदान 10 जून को होगा।

नतीजे भी उसी दिन आ जाएंगे। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले एऩडीए के 273 विधायक हैं जबकि सपा गठबंधन के पास कुल 125 सदस्य हैं। एक राज्यसभा सदस्य को जिताने के लिए कम से कम 34 सदस्यों का समर्थन मिलना जरूरी है। उस हिसाब से देखें तो भाजपा 11 में से आठ सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है, जबकि सपा गठबंधन भी तीन सीटें आसानी से जीत सकता है।

इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस और बीएसपी को होगा। इन दोनों ही दलों का हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। कांग्रेस को दो और बसपा को मात्र एक सीट ही हासिल हुई थी, लिहाजा यह दोनों दल अपने दम पर एक भी सदस्य जिताने की स्थिति में नहीं हैं। गौरतलब है कि बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल जुलाई में समाप्त होन रहा है। इसके बाद बीएसपी की ओर से उच्च सदन में सिर्फ रामजी गौतम ही रह जाएंगे।

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