भूपेंद्र यादव बोले, विकसित देश वादे पर कायम रहें तो तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक रखना संभव

नई दिल्ली:  भारत ने कहा कि यदि विकसित देश वित्तीय और तकनीकी सहायता की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हैं तो वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के भीतर रखना संभव है। बुधवार को टेरी के विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि वर्तमान बहुपक्षीय प्रणाली जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में विफल हो रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक शासन में तत्काल सुधार की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समानता, न्याय और कार्रवाई जलवायु वार्ताओं के केंद्र में बनी रहें।

2024 के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट का हवाला देते हुए, यादव ने कहा कि हमारे लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस के मार्ग पर बने रहना तकनीकी रूप से अभी भी संभव है, क्योंकि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और वन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण और तीव्र कमी लाने की जबरदस्त क्षमता प्रदान करते हैं। लेकिन इस क्षमता का पूरी तरह दोहन करने के लिए हमें तत्परता से कार्य करना होगा। साथ ही विकसित देशों को अपने दायित्यों का सम्मान करना होगा और उन्हें पूरा करना होगा, विशेष रूप से कार्यान्वयन के साधनों के संबंध में।

ऐतिहासिक रूप से जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार विकसित देशों को पिछले साल अजरबैजान में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई का समर्थन करने के लिए एक नया और महत्वाकांक्षी वित्तीय पैकेज देने की आवश्यकता थी। लेकिन, उन्होंने 2035 तक मात्र 300 अरब डॉलर (लगभग 26 लाख करोड़ रुपये) की पेशकश की, जो कि 2025 से प्रतिवर्ष आवश्यक कम से कम 1.3 ट्रिलियन डॉलर का एक छोटा सा अंश मात्र है।

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