उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के रिजल्ट से पहले भक्ति भाव में लीन नजर आ रहे तमाम बड़े नेता, पढ़े पूरी खबर

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान से पहले मतदाताओं की देहरी पर शीश नवां रहे नेताजी अब चुनाव रिजल्ट से पहले आस्था की डोर थाम चुके हैं। तमाम बड़े नेता से लेकर प्रत्याशी तक इन दिनों कुछ ज्यादा ही भक्ति भाव में लीन नजर आ रहे हैं।

कोई मंदिरों में दर्शन कर रहा है तो किसी ने घर पर ही अनुष्ठान सम्पन्न करवाया है। पूर्व सीएम हरीश रावत इस मामले में सबसे अलग साबित हुए हैं, रावत ने मतदान के बाद से रोज किसी ना किसी मंदिर के दर्शन कर रहे हैं, प्रचार के दौरान भविष्य बताने वाले पुछेरे के साथ बैठी उनकी तस्वीर भी खूब वायरल हो चुकी है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत ही नामांकन से पहले गौलापार स्थित कालीचौड़ मंदिर दर्शन के साथ की। रावत मतदान के दिन भी हल्दूचौड़ में वेद मंत्रों के बीच पूजा में शामिल नजर आए। जबकि मतदान के अगले ही दिन 15 फरवरी को उन्होंने लालकुआं स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक किया। रावत 16 और 17 फरवरी को भी अलग अलग धार्मिक स्थलों पर नजर आए।

उनकी चुनाव प्रचार के दौरान मोटाहल्दू में बाबा की कुटिया में बैठी तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं। तब चर्चा चली की हरीश बाबा के पास अपना सियासी भविष्य जानने गए थे। हालांकि उनके साथ कुटिया में मौजूद पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल ने इसे सामान्य चुनाव प्रचार करार दिया है। इधर, हिन्दुस्तान से बातचीत में रावत ने कहा कि मंदिर में देवदर्शन, पूजा पाठ उनके नई बात नहीं है। वो धार्मिक, आस्थावान व्यक्ति हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुनाव की अहम जिम्मेदारी उठाने वाले मदन कौशिक इस बार कई मोर्चों पर जूझते नजर आए। जहां उनके कंधों पर प्रदेश में भाजपा को जीत दिलाने की जिम्मेदारी थी, वहीं अपने चुनाव क्षेत्र में भी वो कठिन मुकाबले में उलझे रहे। मतदान के बाद कौशिक की मुश्किल घटने के बाद और बढ़ गई हैं।

उनके ही जिले और पार्टी के विधायक संजय गुप्ता ने उनके खिलाफ सीधे तौर पर मोर्चा खोल दिया है। मतदान के बाद से कौशिक लगातार खामोश चल रहे थे। इस बीच उन्होंने शनिवार को उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए हैं। कौशिक ने बताया कि वो लंबे समय से महाकाल के भक्त हैं। इसी क्रम में दर्शन करने पहुंचे हैं।

राजपुर रोड से भाजपा प्रत्याशी और विधायक खजान दास भी मतदान के बाद धार्मिक यात्रा पर हैं। खजान दास शुक्रवार को टिहरी जिले में स्थित अपने पैतृक गांव के लिए निकल गए थे। यहां उन्होंने पैतृक घर में तीन दिन दुर्गापाठ करवाया। इसके बाद शनिवार को सुरकंडा देवी के दर्शन करने पहुंचे। खजान दास ने बताया कि देहरादून वापसी से पहले सिद्धपीठ कुंजापुरी, चंद्रबदनी और धारी देवी के भी दर्शन करेंगे। खजान दास के मुताबिक उन्होंने चुनाव से पहले संकल्प लिया था कि चुनाव सकुशल सम्पन्न होने के बाद वो माता के दर्शन करेंगे।

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