वाराणसी की गंगा आरती की तरह भव्य होगी अयोध्या की सरयू आरती, आठ जनवरी से शुरू होगी रामकथा
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश प्रदेश में माहौल राममय हो गया है। वहीं, 8 जनवरी से अयोध्या में रामकथा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। शनिवार को प्रमुख कथा वाचक व कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने दी। उन्होंने बताया कि वाराणसी की गंगा आरती की तरह सरयू आरती को और भव्य बनाया जाएगा। इसके लिए संबंधित लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तहत 14 जनवरी से होली तक विभिन्न आयोजन होंगे। गांव, ब्लॉक, तहसील स्तर पर आध्यात्मिक स्थल व मंदिरों को सजाकर सांस्कृतिक आयोजन, रामायण पाठ, रामलीला, भजन, कीर्तन और कलश यात्रा निकाली जाएगी। 22 जनवरी को पूरे प्रदेश में आध्यात्मिक स्थल और मंदिरों आदि में जनसहभागिता से दीपोत्सव व घर-घर में राम ज्योति जलाने की अपील की गई है।
अयोध्या में आठ जनवरी से प्रमुख कथा वाचक की कथाएं 24 मार्च तक चलती रहेंगी। 14 जनवरी से 24 मार्च तक सुबह छह बजे से राम की पैड़ी पर शास्त्रीय, उपशास्त्रीय गायन-वादन होगा। शाम को रामायण बैले, नृत्य नाटिका, भक्ति संगीत और लोकनृत्य आदि का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रामोत्सव के तहत अयोध्या में बाल कवि व महिला कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान किस्सागोई की संगीत मय प्रस्तुति भी होगी। इसके अलावा, राम की पैड़ी पर सामूहिक शंखवादन का रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
24 से 26 जनवरी तक मनाया जाएगा यूपी दिवस समारोह
प्रमुख सचिव ने बताया कि 24 से 26 जनवरी तक यूपी दिवस, शिल्पग्राम लखनऊ में मनाया जाएगा। इसके तहत इन तीन दिनों में सभी जिलों में कार्यक्रम का आयोजन होगा। वहीं, लखनऊ में 24 जनवरी से 4 फरवरी तक शिल्प मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान सभी 75 जिलों के फूड कोर्ट मौजूद होंगे। ब्रज, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, अवध, पश्चिमांचल की अलग-अलग गैलरी, शिल्प, परिधान और व्यंजन होंगे। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा और परिधान प्रदर्शित किए जाएंगे। आयोजन में सभी क्षेत्रों के लोककलाकार और लोकगायक शामिल होंगे। प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शनी में दिखाया जाएगा। नई तकनीकी व एआई का भी प्रदर्शन होगा।